गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के मतदान को बहुत कम दिन रह गए हैं. गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के कद्दावर नेता प्रचार करने आ रहे हैं. ऐसे में एक के बाद एक विवादित बयान सामने आ रहे हैं. शनिवार को राजकोट में बॉलीवुड कलाकार और सांसद परेश रावल एक सभा को संबोधित करते हुए विवाद में फंस गए. हालांकि उन्होंने तुरंत विवादित बयान का रुख दूसरी तरफ मोड़ दिया.
राजकोट के रिंग रोड पर शनिवार शाम को बीजेपी के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए सांसद परेश रावल ने कुछ ऐसा कह गए, जिसके लिए उन्हें तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान को बदलना पड़ा. परेश रावल ने भाषण के दौरान सरदार पटेल का जिक्र किया.
रावल ने कहा कि मैं सरदार पटेल की बात इसलिए कर रहा हूं कि मैंने सरदार पटेल का रोल किया था. मैंने उनके हावभाव का अभ्यास किया था, बहुत सारी जानकारी ली थी. मैंने सरदार पटेल के बारे में काफी जानकारी ली थी. ऐसे में यह ब्राह्मण का बेटा जितना जानता है, उतना पटेल का बेटा भी नहीं जानता होगा.
परेश रावल ने कहा कि अभी मैं जो कहने जा रहा हूं वह उन लोगों के लिए है जो सरदार पटेल को अपमानित करते हैं. आपको बता दूं कि पटले को अपमानित करने में कांग्रेस वालों ने कोई कमी नहीं रखी है. अन्याय करने में कुछ भी कमी नहीं रखी है.
राजा-राजवाड़े को लेकर विवादित बयान
परेश के भाषण का विवादित हिस्सा इसके बाद आया. परेश रावल ने आगे कहा कि पटेल ने देश को एक किया था. ये राजा- रजवाड़े, जो बंदर थे, उनको सही किया था, सीधा किया था. पटेल के बारे में ज्यादा नहीं लिखा गया, जबकि जेआरडी टाटा ने भी कहा था कि सरदार पटेल अपने प्राइम मिनिस्टर होते तो देश कहां का कहां पहुंच गया होता. रावल ने आगे कहा कि सरदार पटेल का अपमान करने वाले के पास सरदार पटेल का बैनर नहीं है. उसी कांग्रेस ने सरदार पटेल की मृत्यु के 30 साल बाद उन्हें भारत रत्न दिया, जबकि राजीव गांधी की मौत के तुरंत बाद दे दिया.
विरोध शुरू हुआ
सांसद परेश रावल के इस विवादित बयान से राजकोट के क्षत्रिय समुदाय विरोध में उतर आए. उनकी ओर से परेश रावल के पुतले जलाने का एलान किया गया. सोशल मीडिया पर भी परेश रावल का विरोध शुरू हो गया.
बयान से पलटे, मांगी माफी
विरोध को बढ़ता देख बीजेपी को तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाकर परेश रावल से बयान बदलवाना पड़ा. सांसद परेश रावल ने माफी मांगते हुऐ कहा कि यह जो बात मैंने बात कही है, वह हैदराबाद के निजाम को ध्यान में रखते हुए कही है. राजपूतों को नहीं कहा है. राजपूत तो हमारे देश के गौरव हैं. कृष्ण कुमार गोहेल जैसे राजपूज, जिन्होंने सामने चढ़कर पटेल को समर्थन दिया था. परेश ने आगे कहा कि ऐसे लोगों के लिये और ऐसी कौम के लिये हमारे मुंह से ऐसे शब्द कभी नहीं निकलेंगे. मुझे इतना ही कहना है, उसके बावजूद भी किसी के दिल को ठेस पहुंची है तो मैं दिलगीर हूं.