प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में शिरकत की. अक्षरधाम मंदिर में संत ब्रह्मबिहारी स्वामी ने पीएम मोदी की अगवानी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मयूरद्वार का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने मंदिर पर बनाए नए डिजिटल प्रदर्शनी को देखा. इसके बाद पीएम मोदी ने स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों को गुजराती भाषा में संबोधित किया.
-संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब मुझसे पूछा गया कि क्या आप आएंगे, तब मैंने कहा था कि क्या मैं मेहमान बन गया? मेरी क़िस्मत है, जब से समझने लगा हूं, तभी से प्रमुख स्वामी और इस संस्था के साथ नज़दीकी रिश्ता रहा है.
-ये हमारी मानसिकता है कि चमत्कार के बिना हमें अच्छा नहीं लगता. प्रमुख स्वामी ने सिर्फ़ इमारत जैसे मंदिर नहीं बनाए हैं. प्रमुख स्वामी ने 1200 मंदिर बनाए. उन्होंने ईंट-पत्थर से मंदिर नहीं बनाए, बल्कि सामाजिक चेतना लाने के मंदिर बनाए हैं. प्रमुख स्वामी कभी समय से बंधे हुए नहीं थे. अक्षरधाम मंदिर के बाद प्रमुख स्वामी ने एक ऐसी परपंरा खड़ी की जिसने एक बड़ा बदलाव लाया.
-पीएम मोदी ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार मैंने अपने आईएएस अधिकारी का प्रशिक्षण वर्ग रखा था. तब मैंने ब्रह्मविहारी स्वामी को बुलाया था और कहा था कि इनको समझाएं कि समय सीमा में काम कैसे पूरा होता है. वरना ख़त्म होने वाले साल पर तो प्रोजेक्ट का शिलान्यास होता है. नर्मदा सरदार सरोवर बांध इसका बेहतरीन उदाहरण है.
-आज आधुनिकता और दिव्यता का बेहतरीन संयोग है. कोई यहां आए तब वो भक्त नहीं होता है, लेकिन प्रमुख स्वामी का मानना था कि वो जाए, तब भक्त होना चाहिए. संत के लिये प्रमुख स्वामी ने एक बेहतरीन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया. मंदिर भव्य और दिव्य दोनों ही होना चाहिये. आज 1100 संत है. रामकृष्ण मिशन के बाद ये शायद पहली संस्था होगी, जहां इतने संत हैं.
-प्रमुख स्वामी की आदत थी कि वो किसी को भी अपना बना लेते थे, फिर चाहे वो अब्दुल कलाम हो या फिर नरेन्द्र मोदी हो. 26 जनवरी 1992 को मैं लाल चौक पर तिरंगा फहराने गया था. मैं विमान के रास्ते जम्मू गया था. उस डेढ़ घंटे के दौरान कई फोन आ गए. वो एक बेटे की तरह मेरी चिंता करते थे. प्रमुख स्वामी ने एक बार मेरे भाषण का टेप मंगवाया था. तब उन्होंने कहा था कि ये शब्द मुझे नहीं बोलने चाहिए.
-एक बार एक बच्ची अपने पिता के साथ बाहर निकली थी. बारिश और भीड़भाड़ के बीच पिता ने कहा था कि बेटा मेरा हाथ पकड़ना. इस पर बेटी ने उसे कहा मेरा हाथ पकड़ना. जब बाप ने पूछा कि क्यों बेटी, तब बेटी ने कहा था कि भीड़ कि वजह से मेरा हाथ छूट सकता है, लेकिन आप पकड़ेंगे तो हाथ नहीं छूटेगा. इसी तरह जब मंहत स्वामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मुझे क्या चिंता है.
-यह मंदिर अपने समय में अप्रतिम सुंदर बना है. आप भले ही बिना भक्ति भाव के इस मंदिर में प्रवेश करें, लेकिन यहां से निकलते वक्त आप भक्त हो जाएंगे.
-स्वामीनारायण मंदिर भव्यता और दिव्यता का प्रतीक है.
#Gujarat: PM Modi arrives in Ahmedabad. He will later participate in silver jubilee celebrations of Akshardham complex in Gandhinagar pic.twitter.com/wmlxdZ1ipc
— ANI (@ANI) November 2, 2017
मंदिर प्रांगण में हजारों भक्त मौजूद थे. यहां पीएम मोदी के पहुंचने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया. लेजर लाइट शो के जरिए मंदिर के इतिहास के बारे में बताया गया. मंदिर की लाइटिंग बेहद आकर्षक तरीके से की गई है. कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में कहीं भी इस्पात का प्रयोग नहीं किया गया है.
Gujarat: PM Narendra Modi at silver jubilee celebrations of the Akshardham temple in Gandhinagar pic.twitter.com/qktmy8BAH4
— ANI (@ANI) November 2, 2017
स्वामी नारायण मंदिर की सिल्वर जुबली कार्यक्रम में मोदी का जाना इसलिए भी खास हो जाता है कि क्योंकि पाटीदार समाज के कई लोग भी इस मंदिर से जुड़ें हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव से पहले PM मोदी यहां पाटीदारों को मनाने की कोशिश कर सकते हैं.