राहुल गांधी ‘गुजरात मिशन’ के आखिरी चरण में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. बुधवार को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में माथा टेका तो गुरुवार को वो गुजरात में कांग्रेस उम्मीदवारों के प्रचार के लिए 120 किलोमीटर का फासला तय करेंगे. राहुल ने तय किया है कि ना तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुबानी वार पर पलटवार करेंगे और ना ही अपने धर्म को लेकर उठे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे.
इसके उलट राहुल ‘विकास के गुजरात मॉडल’ को लेकर पीएम मोदी को घेरने में कहीं कोई गुंजाइश नहीं छोड़ रहे. इसके लिए तीखी भाषा का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं कर रहे. राहुल खुद को सुनने आए लोगों से अब सवाल-जवाब के अंदाज में भी संवाद करते हैं. साथ ही मोदी के हालिया भाषणों के कुछ अंश चुटीली शैली में भी सुनाते हैं.
गुरुवार को राहुल ने अमरेली से प्रचार की शुरुआत की. इस क्षेत्र को पटेलों का गढ़ माना जाता है. ये भी कहा जाता है कि जो चुनाव में अमरेली को जीतता है वही गुजरात को भी जीतता है. राहुल ने अपने भाषण की शुरुआत में ‘जय सरदार, जय भवानी, जय भीम’ का नारा लगाकर एक साथ पाटीदार (पटेल), क्षत्रिय और दलित वोटरों को साधने की कोशिश की.
गुजरात मॉडल पर पीएम मोदी को घेरा
राहुल ने कुछ इस अंदाज में कहा, ‘गुजरात में सब लोग आंदोलन कर रहे हैं. कुछ लोग आंदोलन इसलिए नहीं करते क्योंकि हवाई जहाज में उड़ते हैं और वे मोदी जी के मित्र है. ये वे लोग हैं जिनके घर में जाकर उनकी महिलाओं की पिटाई नहीं हुई. उन पर गोली नहीं चलाई गई. आप पर चलाई गई. मोदी जी के कहने पर सब होता था.’ राहुल ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात वही चला रहे हैं. विजय रुपानी जी तो अमित शाह के रिमोट पर चल रहे हैं, जब चाहे चैनल बदल देते हैं.’
कांग्रेस को बताया किसानों की हितैषी
राहुल ने किसानों की बेहाली का मुद्दा भी उठाया. राहुल ने मूंगफली, कपास और अन्य किसानों के दर्द का जिक्र करते हुए कहा, मोदी खुद तो प्रधानमंत्री बन गए पर अभी तक उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया. राहुल ने कहा, ‘मूंगफली का क्या दाम मिलता है, कांग्रेस पार्टी 1000 रुपए देती थी. अभी आपको क्या मिल रहा है 500 रुपए. मोदी जी ने वादा किया था 1500 रुपए का. यही कपास का हाल है. यहां आकर मोदी जी ने कहा था कि मुझे आप देश का प्रधानमंत्री बनाओ, मैं आपको कपास का 2000 रुपए दूंगा. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, मोदी जी अपने भाषण में यह क्यों नहीं कहते हैं.’
‘नोटबंदी ने चोरों का कालाधन सफेद किया’
नोटबंदी का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने तो सभी चोरों का काला धन सफेद कर दिया. नोटबंदी में पूरे देश को लाइन में लगा दिया. काले धन पर बोलते ही राहुल ने लोगों से पूछा, क्या आपको 15 लाख रुपए मिले?
राहुल ने गुजरात में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. राहुल ने कहा, ‘आप बताओ क्या गुजरात में कोई काम बिना भ्रष्टाचार के होता है? भ्रष्टाचार का मॉडल है ये. क्या बिना घूस दिए आप बच्चों को कॉलेज भेज सकते हो? मगर महज 50 हजार रुपए को 80 हजार करोड़ में अमित शाह के बेटे जय शाह ने बदल दिया, फिर कंपनी बंद कर दी और पीएम मोदी चुप हैं.’
‘मोदी नहीं चाहते संसद में जय शाह और रफाल पर चर्चा हो’
संसद के शीतकालीन सत्र में देरी पर राहुल ने कहा, ‘ये सत्र नहीं हो पा रहा और गुजरात चुनाव से पहले शुरू भी नहीं होगा. इसकी पहली वजह हैं जय शाह. मोदी नहीं चाहते कि गुजरात चुनाव से पहले जय शाह पर बात हो. दूसरा कारण है रफाल डील. रक्षा मंत्री गोवा में मछली खरीदने में व्यस्त और पीएम मोदी ने फ्रांस जाकर डील बदल दी. मोदी जी ने अम्बानी को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया, जिन्होंने कभी जहाज़ नहीं बनाया. क्या कैबिनेट कमेटी से कभी पूछा? हां या ना? '
राहुल का गुरुवार को गुजरात में अमरेली, बोटाद और भावनगर जिलों में कार्यक्रम है. ये क्षेत्र पाटीदारों की बहुलता वाला माना जाता है. पाटीदारों को गुजरात की सियासत में किंगमेकर माना जाता रहा है. बीते 22 साल से बीजेपी को इस समुदाय का समर्थन मिलता रहा है. मगर इस बार हार्दिक पटेल फैक्टर बीजेपी के खिलाफ पाटीदारों में अलख जगा रहा है. कांग्रेस इस स्थिति को अपने हक में भुनाना चाहती है. लेकिन ये सब इस पर निर्भर करता है कि पाटीदार समुदाय हार्दिक पटेल की बात को मतदान के वक्त कितनी अहमियत देते हैं.