scorecardresearch
 

वडगाम विधानसभा सीट- दलित नेता मेवाणी 20 हजार वोटों से जीते

गुजरात विधानसभा चुनाव में दो चरणों के मतदान के बाद आज फैसले का दिन है. 33 जिलों की कुल 182 विधानसभा सीटों के आज नतीजे आ रहे हैं. सौराष्ट्र के जामनगर जिले में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. यहां से चुनाव लड़ रहे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी आगे चल रहे हैं. शुरुआती रुझानों में पिछड़ने के बाद मेवाणी ने बढ़त बनाई है. 

Advertisement
X
वडगाम से निर्दलीय प्रत्याशी जिग्नेश मेवाणी
वडगाम से निर्दलीय प्रत्याशी जिग्नेश मेवाणी

Advertisement

गुजरात विधानसभा चुनाव में वडगाम सीट के नतीजे आ गए हैं. यहां से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी करीब 20 हजार वोटों के अंतर से जीत गए हैं. हालांकि, शुरुआती रुझानों में पिछड़ने के बाद मेवाणी ने बढ़त बनाई.  बीजेपी के चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई को 75,801 वोट मिले.

अभ्यर्थी दल का नाम मत
जिग्नेशकुमार नटवरलाल मेवाणी निर्दलीय 95497
चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई भारतीय जनता पार्टी 75801
मकवाणा नरेंद्रकुमार पूजाभाई निर्दलीय 3711
अश्विनभाई दोलतभाई परमार निर्दलीय 3175
जादव पुष्पाबेन राजेशभाई बहुजन समाज पार्टी 1263
चौहान गणेशभाई लवजीभाई निर्दलीय 1121
वणसोला निलेषकुमार प्रविणभाई बहुजन मुक्ति पार्टी 1119
शेखलीया विक्रमभाई डाहयाभाई निर्दलीय 1038
सोलंकी तरुणचन्द्र प्रेमजीभाई गुजरात जन चेतना पार्टी 548
भाटिया अरविंदकुमार खेमाभाई नवीन भारत निर्माण मंच 478
इनमें से कोई नहीं इनमें से कोई नहीं 4255

गुजरात चुनाव में इस बार युवाओं की तिकड़ी यानी हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश सबसे ज्यादा चर्चा में रहे. तीनों युवाओं का अपनी-अपनी जाति और समूहों में खास पकड़ मानी जाती है और तीनों का गुस्सा भी बीजेपी से है. यही वजह रही कि कांग्रेस ने उन्हें लपक लिया. अल्पेश ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, हार्दिक चुनाव लड़ नहीं सके और जिग्नेश ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ा.

Advertisement

कई दौर की बातचीत के बाद भले ही दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस के बीच कोई बड़ी डील न हो पाई हो, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में परोक्ष रूप से पूरा समर्थन किया. जिग्नेश ने कांग्रेस से टिकट नहीं लिया और वडगाम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. कांग्रेस ने उनका साथ दिया और अपनी सिटिंग सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा.

बनासकांठा जिले की कुल 9 सीटों में एक वडगाम में दूसरे चरण के तहत 14 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. जिग्नेश ने अपने पूरे चुनाव प्रचार में जहां बीजेपी को निशाने पर रखा, वहीं बीजेपी ने उन्हें हर मुमकिन मौके पर बैकफुट पर लाने की कोशिश की. यहां तक की पीएफआई के राजनीतिक दल से चंदा मिलने को भी बीजेपी ने मेवाणी पर देशविरोधी ताकतों से मदद लेने का आरोप लगाया. पीएम मोदी भी प्रचार के आखिरी दिन सी-प्लेन से उड़कर जिस अंबाजी मंदिर गए वो बनासकांठा की पहचान माना जाता है.  

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भी परिवर्तन की लहर नजर आती है. 2002 में कांग्रेस, 2007 में बीजेपी और फिर 2012 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की थी. हालांकि, बीजेपी ने इस बार यहां से नए उम्मीदवार के रूप में विजयकुमार चक्रवर्ती को मौका दिया.

आपको बता दें कि गुजरात में दो चरणों में चुनाव हुए थे. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले गए थे. गुजरात में दो चरणों में हुए चुनाव में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था. गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर वोट डाले गए जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई.

Advertisement
Advertisement