गुजरात विधानसभा चुनाव में वडगाम सीट के नतीजे आ गए हैं. यहां से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी करीब 20 हजार वोटों के अंतर से जीत गए हैं. हालांकि, शुरुआती रुझानों में पिछड़ने के बाद मेवाणी ने बढ़त बनाई. बीजेपी के चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई को 75,801 वोट मिले.
अभ्यर्थी | दल का नाम | मत |
जिग्नेशकुमार नटवरलाल मेवाणी | निर्दलीय | 95497 |
चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई | भारतीय जनता पार्टी | 75801 |
मकवाणा नरेंद्रकुमार पूजाभाई | निर्दलीय | 3711 |
अश्विनभाई दोलतभाई परमार | निर्दलीय | 3175 |
जादव पुष्पाबेन राजेशभाई | बहुजन समाज पार्टी | 1263 |
चौहान गणेशभाई लवजीभाई | निर्दलीय | 1121 |
वणसोला निलेषकुमार प्रविणभाई | बहुजन मुक्ति पार्टी | 1119 |
शेखलीया विक्रमभाई डाहयाभाई | निर्दलीय | 1038 |
सोलंकी तरुणचन्द्र प्रेमजीभाई | गुजरात जन चेतना पार्टी | 548 |
भाटिया अरविंदकुमार खेमाभाई | नवीन भारत निर्माण मंच | 478 |
इनमें से कोई नहीं | इनमें से कोई नहीं | 4255 |
गुजरात चुनाव में इस बार युवाओं की तिकड़ी यानी हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश सबसे ज्यादा चर्चा में रहे. तीनों युवाओं का अपनी-अपनी जाति और समूहों में खास पकड़ मानी जाती है और तीनों का गुस्सा भी बीजेपी से है. यही वजह रही कि कांग्रेस ने उन्हें लपक लिया. अल्पेश ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, हार्दिक चुनाव लड़ नहीं सके और जिग्नेश ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ा.
कई दौर की बातचीत के बाद भले ही दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस के बीच कोई बड़ी डील न हो पाई हो, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में परोक्ष रूप से पूरा समर्थन किया. जिग्नेश ने कांग्रेस से टिकट नहीं लिया और वडगाम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. कांग्रेस ने उनका साथ दिया और अपनी सिटिंग सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा.
बनासकांठा जिले की कुल 9 सीटों में एक वडगाम में दूसरे चरण के तहत 14 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. जिग्नेश ने अपने पूरे चुनाव प्रचार में जहां बीजेपी को निशाने पर रखा, वहीं बीजेपी ने उन्हें हर मुमकिन मौके पर बैकफुट पर लाने की कोशिश की. यहां तक की पीएफआई के राजनीतिक दल से चंदा मिलने को भी बीजेपी ने मेवाणी पर देशविरोधी ताकतों से मदद लेने का आरोप लगाया. पीएम मोदी भी प्रचार के आखिरी दिन सी-प्लेन से उड़कर जिस अंबाजी मंदिर गए वो बनासकांठा की पहचान माना जाता है.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भी परिवर्तन की लहर नजर आती है. 2002 में कांग्रेस, 2007 में बीजेपी और फिर 2012 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की थी. हालांकि, बीजेपी ने इस बार यहां से नए उम्मीदवार के रूप में विजयकुमार चक्रवर्ती को मौका दिया.
आपको बता दें कि गुजरात में दो चरणों में चुनाव हुए थे. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले गए थे. गुजरात में दो चरणों में हुए चुनाव में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था. गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर वोट डाले गए जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई.