गुजरात चुनाव के पहले चरण के प्रचार के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मैदान में उतरे और एक के बाद एक चार रैलियां कर अपने कैंपेन की शुरुआत की. पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को होनी है. खास बात ये है कि पहली बार प्रधानमंत्री ने अपनी सभाएं पूरी तरह से गुजराती में संबोधित की हैं.
ये बताता है कि प्रधानमंत्री का टारगेट वर्ग इस समय पूरी तरह से गुजराती जनता है. इनमें वोटर के साथ-साथ बाहर यहां तक कि विदेश में रह रहे गुजराती भी शामिल हैं. बाहर रहने वाले ये गुजराती वोट भले न डालने आएं लेकिन वे कुछ वोटरों को पार्टी के पक्ष में प्रभावित करने की क्षमता रखे हो सकते हैं.
मोदी का ये कदम साल में अब तक के उनके भाषणों से इतर है. अब तक पीएम गुजरात में भी हिंदी में भी भाषण देते आए हैं. उनके ये भाषण गुजरात के साथ-साथ पूरे देश के लिए होते थे.
इसके विपरीत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पिछले कुछ महीनों से अपने भाषण गुजराती में ही दे रहे हैं. पीएम मोदी की आज चार रैलियां भुज, जसदण, धारी और कामरेज में हैं. इनमें से सभी में मोदी केवल गुजराती में बोले.
मोदी आज जिन जगहों पर गए वो गुजरात के सुदूर इलाके हैं. यहां के कई वोटर हिंदी को लेकर उतने सहज नहीं है. यही वजह है कि पीएम ने सिर्फ गुजराती में बोलने का फैसला किया.
मोदी की आज की पहली रैली कच्छ के भुज में हुई. उन्होंने यहां पूरा भाषण अपना मातृभाषा में दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात चुनाव लोगों के बीजेपी के विकास के एजेंडे में भरोसे और कांग्रेस की वंशवाद की राजनीति के बीच है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता यहां आ रहे हैं और गुजरात के बेटे के लिए झूठ फैला रहे हैं. ऐसा पहले उन्होंने सरदार पटेल के साथ भी किया था. गुजरात इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा. जो झूठ वो फैला रहे हैं, उसे कोई गुजराती स्वीकार नहीं करेगा.
42 मिनट की इस पूरी स्पीच में मोदी ने एक भी लाइन हिंदी में नहीं बोली. यही जसदण में हुआ जहां उनकी दूसरी सभा थी और उसके बाद धारी का नंबर आया. धारी का 22 मिनट का भाषण भी गुजराती में था. पीएम की आज की आखिरी रैली कामरेज में हुई.
गुजरात गौरव यात्रा
16 अक्टूबर को पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों ने गांधीनगर में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया. मौका था बीजेपी की गुजरात गौरव यात्रा के समापन का.
मोदी आमतौर पर यहां भी हिंदी में ही बोले. हालांकि जब उन्होंने जीएसटी के बारे में बात करना शुरू किया तो वो गुजराती बोलने लगे. गुजराती में उनके बोलने का मकसद यही था कि उनका मैसेज कारोबारियों तक ठीक तरह से पहुंच जाए.
मोदी ने यहा कारोबारियों के बीच बैठे डर को दूर किया और कहा कि केंद्र जीएसटी में जरूरी बदलाव की कोशिश कर रहा है ताकि उन समस्याओं का समाधान हो सके जिन्हें कारोबारी फेस कर रहे हैं.
उन्होंने अपने गृह राज्य से साथ भावनात्मक संबंध दर्शाते हुए उन दिनों को याद किया जब वे राज्य में लंबी दूरी की यात्राएं पैदल, स्कूटर या मोटर साइकिल पर कर लेते थे.
दूसरी तरफ शाह ने अपना पूरा भाषण गुजराती मे दिया. शाह ने इस मौके पर वोटरों से बीजेपी को दो तिहाई जीत दिलाने को कहा. शाह ने कहा कि जब मोदी गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे तब बीजेपी ने 182 में से 129 सीटें जीती थीं लेकिन अब वो प्राइम मिनिस्टर हैं, बीजेपी को 150 सीट मिलनी चाहिए.