गुजरात दौरे पर आए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अहमदाबाद में मोदी सरकार को हिटलरशाही करार दिया. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा कि जब ये कहा जाता है, 70 वर्षों से कुछ नहीं हुआ, तो क्या अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी कुछ नहीं हुआ. ये तो पूरी हिटलरशाही है. जब इस देश में राजशाही थी, तब भी लोकशाही थी. लोकशाही का मतलब सहमति है, जिसमें विपक्ष और जनता की भी सहमति होनी चाहिए.
जब पीएम के बोलने के अंदाज पर ली चुटकी
अपना संबोधन शुरू करते ही सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोलने के अंदाज पर चुटकी ली. सिन्हा ने सबसे पहले कहा, 'देवियों और भाइयों, जानबूझकर मित्रों नहीं बोल रहा हूं.' नोटबंदी और जीएसटी को लेकर नाराज चल रहे सिन्हा तीन दिन के दौरे पर गुजरात पहुंचे हैं. वे अहमदाबाद के बाद राजकोट और सूरत जाएंगे.
जीएसटी और नोटबंदी पर सिन्हा के बोल
अहमदाबाद में सिन्हा ने जीएसटी और नोटबंदी पर जमकर निशाना साधा. सिन्हा ने कहा कि अगर जीएसटी आजादी के बाद इतना ही बड़ा सुधार है, तो इसमें लगातार परिवर्तन क्यों करना पड़ा रहा है. नोटबंदी के बाद कश्मीर पत्थरबाजी कम होने के दावे पर सिन्हा ने तंज कसा कि अगल कश्मीर में किसी महिला को बच्चा पैदा होगा, तो क्या हम इसके लिए नोटबंदी वजह बताएंगे.
'बीजेपी के कारण कम नहीं हुए कच्चे तेलों के दाम'
यशवंत सिन्हा ने कच्चे तेल के दामों पर कहा कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आते ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आ गई. ये गिरावट हमारी वजह से नहीं आई थी, लेकिन कच्चे तेल की कीमत 29 डॉलर प्रति बैरल हो गई.
नोटबंदी को लेकर पीएम पर निशाना
नोटबंदी पर सिन्हा ने कहा कि इस मुल्क में एक शहंशाह हुआ करता था, जिसका नाम मोहम्मद तुगलक था, उसने पुराने पैसे बंद किए थे. सिन्हा के कहा कि पुराने नोटों पर रोक को इतना महत्वपूर्ण माना गया कि इसकी घोषणा खुद पीएम मोदी ने करते हुए कालेधन और आतंकवाद का जिक्र किया था, पीएम के भाषण में डिजिटल इकॉनोमी और कैशलेस का कहीं पर भी जिक्र नहीं किया गया था.
नोटबंदी से पत्थरबाजी कम होने के दावे पर तंज
पीएम मोदी की ओर इशारा करते हुए सिन्हा ने कहा कि वो कहते हैं नोटबंदी की वजह से कश्मीर में पत्थरबाजी खत्म हो गई, लेकिन नोटबंदी से पहले भी पत्थरबाजी खत्म हो गई थी. कश्मीर में अगर किसी महिला के घर बच्चा पैदा होगा, तो क्या हम कहेंगे नोटबंदी की वजह से हो गया. अपनी बात सही ठहराने के लिए किसी भी हद जाएंगे क्या.
'बिना सोचे-समझे लाया गया जीएसटी'
जीएसटी पर सिन्हा ने कहा कि इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया गया, अगर इतना ही बड़ा सुधार है, तो इतने बदलाव क्यों करने पड़ रहे हैं. बिना सोचे-समझे जीएसटी ला दिया गया, इसके लिए जो फॉर्म लाया गया है, वो इतना मुश्किल है कि आम व्यापारी वो फार्म भर भी नहीं सकता. लगातार सुधार लाने के बाद भी वे अपनी गलती नहीं मान रहे.
वित्त मंत्री बदलने की दे चुके हैं नसीहत
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने जीएसटी और उसमें लगातार हो रहे बदलाव पर कहा था कि जीएसटी लागू करते वक्त वित्त मंत्री जेटली ने अपना दिमाग इस्तेमाल नहीं किया. जिस तरीके से रोजाना जीएसटी को लेकर परिवर्तन हो रहा है, इसके लिए प्रधानमंत्री को वित्त मंत्री बदल देना चाहिए.