गुजरात चुनावों के असल नतीजे तो 18 दिसंबर को ही पता चलेंगे लेकिन नतीजों की झलक दिखाने वाले तमाम सर्वे यह दिखा चुके हैं कि गुजरात में एकतरफा जीत का राहुल गांधी का सपना यहां पूरा नहीं हो रहा. गुजरात को ना तो सॉफ्ट हिंदुत्व का विकल्प रास आया और ना ही पाटीदारों, दलित और ओबीसी का गठजोड़ कमाल दिखा पाया. गुजरात ने सुनी तो सिर्फ अपने बेटे की, जिसने गुजरात की शान के साथ गुजरात के मान को भी बरकरार रहा. देखें- ये पूरा वीडियो.