गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सोमवार को गुजरात दौरे पर पहुंच रहे हैं, जहां वो मेहसाणा में 'तिरंगा यात्रा' निकालेंगे और रोड शो कर चुनावी अभियान का बिगुल फूंकेंगे. इस तरह आम आदमी पार्टी खुद को गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है.
पंजाब की सियासी जंग जीतने के साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस गुजरात चुनाव पर है. पिछले तीन महीने में केजरीवाल का यह चौथा गुजरात दौरा है. केजरीवाल का यह दौरा नॉर्थ गुजरात के मेहसाणा में ऐसे समय हो रहा है, जब हाल ही में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है. मेहसाणा को पाटीदार समुदाय का गढ़ माना जाता है और हार्दिक पटेल का असर भी इसी इलाके में है.
आम आदमी पार्टी की परिवर्तन यात्रा
गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की 15 मई से शुरू हुई 'परिवर्तन यात्रा' अब मेहसाणा में समाप्त हो रही है. आम आदमी पार्टी की राज्य के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी. इस यात्रा के जरिए AAP कार्यकर्ता और नेताओं ने लोगों के बीच पहुंचकर अपनी पार्टी की विचारधारा पहुंचाने की कवायद की है. आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा 6 जून को समाप्त होने जा रही है. जिस का समापन कार्यक्रम राज्य के मेहसाणा शहर में रखा हुआ है, अरविंद केजरीवाल खुद मौजूद रहेंगे.
गुजरात में यह दूसरी 'तिरंगा यात्रा' है, जिसमें केजरीवाल हिस्सा लेंगे. इससे पहले केजरीवाल ने और पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह ने दो अप्रैल को अहमदाबाद में अपना पहला रोड शो किया था. इसके बाद गुजरात में चुनावी माहौल को अपने पक्ष में बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने 15 मई से परिवर्तन यात्रा शुरू की थी, जो गुजरात के सभी 182 विधानसभा क्षेत्रों में होते हुए मेहसाणा में समाप्त हो रही है.
केजरीवाल ने अहमदाबाद के बाद 11 मई को गुजरात के राजकोट का दौरा किया था, जहां पाटीदार को साधने की कवायद की थी. इसके पहले एक मई को बीटीपी के प्रमुख छोटू वसावा के साथ गुजरात के आदिवासी-मुस्लिम बहुल इलाके भरूच में 'आदिवासी संकल्प महासम्मेलन' को संबोधित किया था. वहीं, अब उत्तर गुजरात के इलाके में आम आदमी पार्टी के सियासी जनाधार को मजबूत करने के लिए मेहसाणा इलाके को चुना है.
पाटीदारों की भूमिका
उत्तर गुजरात के इलाके के सियासत में किसानों, पाटीदारों, ओबीसी और आदिवासियों की अहम भूमिका रहती है. पादीदार आंदोलन का सर्वाधिक असर इसी इलाके में रहा है. पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल अब बीजेपी में एंट्री कर गए हैं. गुजरात ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भी इसी इलाके से आते हैं और वो भी बीजेपी में शामिल में हैं. नॉर्थ गुजरात के दोनों बीजेपी विरोधी चेहरे कांग्रेस छोड़ चुके हैं, जिसके चलते आम आदमी पार्टी को अपने पैर पसारने की उम्मीदें नजर आ रही हैं.
उत्तर गुजरात का सियासी गणित
बता दें कि उत्तर गुजरात क्षेत्र में 53 विधानसभा सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में नार्थ गुजरात की 53 सीटों में 35 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है तो 17 सीटें कांग्रेस के पास है. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास इस इलाके में 32 और कांग्रेस को 21 सीटें थीं.
उत्तर गुजरात में गांधीनगर, बनासकांठा, साबरकांथा, अरवली, मेहसाणा और पाटन जिले आते हैं. माना यही जा रहा है कि इस बार गुजरात में बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर देगा, लेकिन कुछ ऐसा हो नहीं सका है. हार्दिक पटेल के गृह जनपद मेहसाणा में बीजेपी को 4 और कांग्रेस 3 सीटें मिली हैं. बनासकांठा में 3 बीजेपी और 6 कांग्रेस को, गांधीनगर में 2 बीजेपी और 3 कांग्रेस को मिली हैं.
हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकेर ही नहीं दिग्गज नेता शंकर सिंह वघेला भी नॉर्थ गुजरात से आते हैं. 2012 चुनाव में इस क्षेत्र में कांग्रेस के बेहतर नतीजों के लिए शंकर सिंह वाघेला की अहम भूमिका रही है, लेकिन 2017 के चुनाव में वघेला ने कांग्रेस से बगावत करके चुनावी मैदान में थे. वघेला का साथ छोडना कांग्रेस के लिए महंगा साबित हुआ. वाघेला फैक्टर के चलते कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.
केजरीवाल का मेहसाणा प्लान
अरविंद केजरीवाल का उत्तर गुजरात के मेहसाणा में रैली के जरिए पाटीदार और ओबीसी वोटों को साधने का प्लान है. इस इलाके में रोजगार और शिक्षा एक मुद्दा रहा है, जिसे आम आदमी पार्टी सियासी हथियार बना रही है. गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने कहा कि राज्य की जनता समझदार है और कौन किस पार्टी में जा रहा है. यह राज्य की जनता के लिए कोई मायने नहीं रखता है.
उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता अपनी अच्छी शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोचती है. जैसे कि आम आदमी पार्टी जनता के हित के लिए अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी शिक्षा के लिए काम कर रही है. उसी तरह से आने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात की जनता हमारी पार्टी के साथ खड़ी रहेगी. गोपाल ने कहा कि हार्दिक पटेल के भाजपा में जाने से क्या लोगों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो जाएगी? अच्छा स्वास्थ्य मिल जाएगा? महंगाई के दौर से गुजर रहे लोगों को राहत मिल जाएगी? नहीं मिलने वाली है तो फिर लोगों को क्या फर्क पड़ना है कि हार्दिक पटेल भाजपा में जाए या कहीं और. लोगों को तो तब फर्क पड़ेगा जब उन्हें उनका अधिकार मिलेगा और वह हक और अधिकार सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ही दे सकते हैं
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