गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार ने जोर पकड़ लिया है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुजरात के चुनावी रण में अमित शाह समेत दिग्गजों को उतार दिया है. बीजेपी ने गुजरात चुनाव में 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है तो वहीं 27 साल से चला आ रहा सत्ता का वनवास खत्म करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस भी पूरा दमखम लगा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है.
आम आदमी पार्टी के नेता अप्रैल महीने के बाद से ही गुजरात में लगातार कैंप कर रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं. अरविंद केजरीवाल खुद गुजरात के लगातार दौरे कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल गुजरात की जनता के बीच पहुंचकर एक मौका देने की अपील कर रहे हैं, सिस्टम बदल देने, भ्रष्टाचार खत्म करने, मुफ्त बिजली, बेहतर पढ़ाई और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के वादे कर रहे हैं. गुजरात में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं की सक्रियता ने सत्ताधारी बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है.
आम आदमी पार्टी की आक्रामक प्रचार की रणनीति को देखते हुए बीजेपी ने भी अपनी चुनावी रणनीति बदल ली है. बीजेपी गुजरात में आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुलना देना चाहती और इसके लिए पार्टी ने मिशन AAP जीरो अभियान शुरू किया है. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पंचायत आजतक के मंच से भी कहा था कि आम आदमी पार्टी का खाता ही ना खुले, इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे.
अमित शाह ने पंचायत आजतक के मंच से ये भी कहा था कि चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतरा जाता है. जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. बीजेपी ने भी अब मौके की नजाकत को देखते हुए युवाओं पर फोकस कर दिया है. पार्टी अब इस कोशिश में है कि ऐसे वोटर्स की बदलाव की इच्छा को खत्म कर किसी भी तरह इन्हें पार्टी के पक्ष में लामबंद रखा जाए जिनका जन्म बीजेपी के 27 साल लंबे शासनकाल के दौरान हुआ है.
मोदी-शाह बना रहे रणनीति
गुजरात का चुनाव देश की सत्ता के दो शीर्ष पदों पर आसीन नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए भी प्रतिष्ठापरक माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाहती. पार्टी के नेताओं का ये मानना है कि हम 150 से अधिक सीटें जीतने का अपना लक्ष्य प्राप्त भी कर लेते हैं और आम आदमी पार्टी एक-दो सीटें भी जीत गई तो ये गुजरात में केजरीवाल की सेंध के तौर पर देखा जाएगा.
आम आदमी पार्टी एक भी सीट न जीत पाए, इसके लिए अब खुद गृह मंत्री अमित शाह मैदान में आ गए हैं. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात की चुनावी बाजी जीतने और आम आदमी पार्टी को शून्य सीटों पर समेटने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. एक-एक सीट के समीकरणों और हालात का बारीकी से विश्लेषण कर रणनीति बनाई जा रही है. बीजेपी का ध्यान ऐसी सीटों पर अधिक है जहां आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है.
टिकट वितरण से बातचीत तक, एक्टिव हैं शाह
गृह मंत्री अमित शाह इस चुनावी मौसम में पिछले कुछ दिनों से गुजरात में ही कैंप कर रहे हैं. वे टिकट वितरण से लेकर नाराज नेताओं को मनाने तक, एक्टिव भी नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 19 नवंबर से गुजरात में कैंप करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन गुजरात में रहेंगे और इस दौरान वे आठ जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
AAP का राज्य में खाता नहीं खुलेगा: पाटिल
गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने आजतक पंचायत में कहा कि आम आदमी पार्टी का प्रदेश में खाता तक नहीं खुलेगा. पाटिल ने दावा किया कि राज्य में AAP की एक भी सीट नहीं आएगी, मैं ये लिखकर देने को तैयार हूं. फ्री की चाजों को लेकर भी लोग उन्हें महाठग कहते हैं.
केजरीवाल के मुफ्त वाले वादों को पीएम ने बताया था रेवड़ी
गुजरात चुनाव में भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के वादे कर रहे थे तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने इसे रेवड़ी कल्चर बताते हुए हमला बोला था. गुजरात में चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले पीएम मोदी ने सूबे में कई रैलियां की थीं और सूबे को करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दी थी.
गुजरात की चुनावी रणभूमि में जारी सियासी आजमाइश में कौन किस पर भारी पड़ता है, ये तो 8 दिसंबर की तारीख ही बता पाएगी जब चुनाव के नतीजे आएंगे. लेकिन ये बात है कि बीजेपी का फोकस भी कहीं ना कहीं कांग्रेस की चुनावी चुनौती से आम आदमी पार्टी की ओर आया है. बीजेपी जब से प्रचार में सक्रिय हुई है, आम आदमी पार्टी पर लगातार हमले कर रही है.