गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच जंग में आम आदमी पार्टी भी अपने हाथ दिखाएगी. गुजरात के बनासकांठा जिले की दांता विधानसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहता है. यहां 2002 से लेकर अब तक कांग्रेस का प्रत्याशी ही जीता है.
2017 में इस सीट पर कांग्रेस के कांतिभाई खराडी ने बीजेपी के मालजीभाई देसाई को 24 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. बीजेपी इस सीट पर जीतने के लिए काफी मेहनत कर रही है. क्योंकि बीजेपी को उत्तर गुजरात में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए हर हाल में दांता सीट पर जीत दर्ज करनी होगी.
2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कांतिभाई को कुल 86129 वोट मिले थे. जीत का प्रतिशत 52.88 फीसदी था. हालांकि बीजेपी के मालजीभाई को 61477 वोट मिले थे, जो वोटिंग प्रतिशत का 37.74 फीसदी था. इस सीट की दिलचस्प बात यह है कि यहां तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 6461 वोट नोटा को मिले थे. जो वोटिंग प्रतिशत के 3.97 फीसदी था.
दांता विधानसभा सीट पर 2017 और 2012 में कांग्रेस के कांतिभाई खराडी ने ही जीत दर्ज की थी. दोनों बार उनकी जीत का मार्जिन 25 हजार वोटों से ज्यादा था. 2007 में कांग्रेस के मुकेश गढ़वी यहां से चुनाव जीते थे. उन्होंने 32 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. 2002 दंगों के समय जब हिन्दुत्व की विचारधारा को सहारा बनाकर बीजेपी धर्म की राजनीति कर रही थी, उस वक्त भी यहां पर कांग्रेस पर ही अपना भरोसा रखा और कांग्रेस ने यहां पर 30 हजार से ज्यादा वोट से चुनाव जीता. 1990 और 1995 के चुनाव में यहां से बीजेपी जीती थी, लेकिन इस जीत का मार्जिन इतना ज्यादा नहीं था.
गुजरात विधानसभा की यह दांता सीट एस.टी समुदाय के लिए सुरक्षित सीट है. इस सीट पर लगभग 2 लाख से ज्यादा वोटर है. यहां की कुल आबादी 4 लाख के आसपास है. इस सीट पर ज्यादातर वोट अलग-अलग ग्रामीण इलाके के हैं. इस सीट पर अनुसूचित जनजाति का वोट प्रतिशत 57.17 हैं. जो सबसे ज्यादा है. बनासकांठा की दांता सीट पर सालों से अपना कब्जा रखने वाली कांग्रेस पार्टी को इस बार क्या बीजेपी हरा पाएगी. देखना बेहद दिलचस्प होगा.