बोटाद जिले की गड्ढा विधानसभा सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह सीट 1967 से अस्तित्व में आई और 1980 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया. इस सीट पर 2020 में उपचुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा ने जीत हासिल की थी. हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.
गड्ढा विधानसभा सीट पर कोली, दलित और पाटीदार समुदाय के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस सीट पर पटेल वोटर 53 हजार 650, कोली 45 हजार 680, क्षत्रिय 9 हजार 954, ब्राह्मण 5 हजार 295, भरवाड़ 11 हजार 063, राजपूत 10 हजार 936, अहीर 7 हजार 574, माइनॉरिटी 17 हजार 938, कारपेंटर 5 हजार 395, प्रजापति 4 हजार 950, दलित 11 हजार 250 और अन्य 4 हजार 500 वोटर हैं.
गड्ढा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षित है, इसलिए इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए हमेशा बाहरी उम्मीदवार को चुना जाता है. यहां नेताओं के दल बदल के कारण जनता को उपचुनाव का सामना करना पड़ा था. इस निर्वाचन क्षेत्र में मूल रूप से किसान और ग्रामीण क्षेत्र है. यहां के ज्यादातर लोग खेती से जुड़े हुए हैं. यहां कोई बड़े उद्योग नहीं हैं.