गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारी सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है. ऐसे में हम आपको बंदरगाहों के लिए अपनी पहचान रखने वाला गांधीधाम के चुनावी समीकरण के बारे में बताएंगे.
1947 में देश की आजादी के बाद जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान के सिंध प्रात से जो लोग गुजरात आए थे वो ज्यादातर गांधीधाम में रुके थे. इसके बाद गांधीधाम काफी तेजी से विकसित होने वाले शहरों में से एक शहर के तौर पर जाना जाता है.
यहां पर गुजराती और गैर-गुजराती दोनों समुदाय के लोग रहते हैं. कंडला पोर्ट पर काम करने वाले ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों से आकर यहां बसे हैं. यहां पर हिन्दू और जैन समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है.
कच्छ जिले के गांधीधाम विधानसभा सीट की अगर बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी के महेश्वरी मालती ने कांग्रेस के किशोर पिंगोल को करीब 20 हजार वोटों से हराया था.
बीजेपी के पक्ष में कुल 52.36 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष करीब 39.25 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. इस सीट पर तीसरे नंबर पर लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. नोटा को क़रीबन 2.4 फीसदी वोट मिले थे. यह सीट 2008 के डिलिमीटेशन के बाद बनी. यह सीट SC के लिए आरक्षित रखी गई है, क्योंकि यहां पर अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या सबसे ज़्यादा है.
इस सीट पर परिसीमन के बाद साल 2012 में पहली बार चुनाव हुए थे जिसमें बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. कच्छ की इस सीट पर 2017 के चुनाव के अनुसार कुल मतदाता की संख्या 276,816 है जिसमें से 127982 महिला और 148834 पुरुष मतदाता हैं.
माना जा रहा है कि 2022 के चुनाव में यहां मतदाताओं की तादाद 3 लाख के आसपास होगी. हालांकि इस बार इस सीट पर आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की आम आदमी पार्टी इस सीट पर किसे टिकट देती है.