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गुजरात में AAP का दांव पड़ा उल्टा, जानिए क्यों चुनाव से पहले पार्टी में मच गया है भूचाल

गुजरात में इसी साल आखिर में विधानसभा चुनाव होने है, लेकिन उससे पहले ही आम आदमी पार्टी के द्वारा संगठन में बदलाव का दांव उलटा पड़ गया है. आम आदमी पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात में AAP के संगठन में बदलाव उल्टा पड़ा
  • गुजरात में पार्टी के पुराने नेता खड़े कर रहे सवाल

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का संगठन में फेरबदल करने का दांव उलटा पड़ गया है. आम आदमी पार्टी सूबे में अपनी सियासी जड़े जमाने के लिए अपने गुजरात सगंठन को भंग कर नए सिरे से गठित किया है, जिसे लेकर पार्टी में सियासी घमासन छिड़ गया है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है, जो अरविंद केजरीवाल के सारे किए-धरे पर पानी फेर सकता है. 

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गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने और बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए नए तरीके से संगठन की घोषणा की है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने अपने गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को उनको अपने पद पर बरकरार रखा है तो वहीं इसुदान गढवी को पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी का पोस्ट दिया गया. आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपने नए पदाधिकारियों में 850 जितने लोगों के साथ सगंठन ही पहली लिस्ट घोषित की थी. इसी के चलते पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं और माना जा रहा है कि आने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. 

आम आदमी पार्टी नेताओं के चैट

गुजरात में आम आदमी पार्टी के नए पदाधिकारियों की घोषणा के बाद पार्टी के नेताओं की नाराजगी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल इटालिया और इसुदान गढवी से हैं. इसी के चलते तापी जिले के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष समेत सभी जिला सगंठन के लोगों ने अपना इस्तीफा दे दिया. इससे पहले पार्टी की महिला अध्यक्ष रीतु बंसल से पार्टी नाराज थी, जिने गैर-गुजराती होने की बात को लेकर भी हंगामा मच चुका हैं. 

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आम आदमी पार्टी के नए संगठन में सूरत के लोगों को ज्यादा स्थान देने को लेकर ये हंगामा हुआ है, जिसे लेकर युवा नेता प्रविण राम भी आक्रोषित हैं. पार्टी के प्रदेश संगठन के 107 लोगों में से 33 लोग केवल सूरत के हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में ये भी चर्चा हे की कांग्रेस से आए हुए लोगों खास तवज्जे दी जा रही है. आरोप लग रहे हैं कि कांग्रेस से आए नेताओं को बड़े पद इसीलिए दिए गए हैं, क्योंकि वो पैसों में सौदे बाजी कर पाए. 

गुजरात AAP के नेता ग्रुप छोड़ रहे हैं

आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता का कहना है कि पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले नेताओं को सगंठन में अहमित दी गई है, जो ऐसे नेता है जिन्होंने पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और दोबारा से पार्टी में शामिल हुए हैं. ऐसे नेताओं को प्रदेश संगठन में स्थान दिए जाने के चलते सवाल खड़े हो रहे हैं. संगठन के पुराने नेता इतने नाराज है कि एक के बाद एक पार्टी के वाट्सएप ग्रुप छोड़ रहे हैं. पार्टी ग्रुप में भी वो लगातार अपनी नाराजगी को जाहिर कर रहे है. 

बता दें कि गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर सूरत महानगर पालिका में 28 पार्षद चुने गए थे, जिसके बाद आम आदमी पार्टी में नई जान पड़ गई थी. इसके अलावा सूबे में कई जगहों पर आम आदमी पार्टी तहसील पंचायत और जिला पंचायत सीटें भी जीती थी. लेकिन, सूरत नगर निगम में 28 पार्षद सीटों की जीत ने अरविंद केजरीवाल से सूरत में रोड शो करवा दिया था.

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सूरत की जीत के दम पर ही आम आदमी पार्टी गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने सपने देख रही थी, लेकिन जिस तरह से अब आप ने नए पदाधिकारियों को चुना है. उसको लेकर पहले से पार्टी के साथ जुड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं पार्टी में अंदरूनी घमासान शुरू हो चुका है, जिसका खामियाजा गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है. 

 

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