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Kapadvanj Assembly Seat: कपड़वंज सीट पर कांग्रेस का कब्जा, हार का हैट्रिक लगा चुकी है बीजेपी

2017 में नये सीमांकन के बाद कठलाल विधानसभा का कपडवंज में विलय कर दिया गया था . कठलाल में बीजेपी कभी भी अपना खाता नहीं खोल पायी है. इसलिए 2017 में कपडवंज में बीजेपी को दो तरह से नुकसान हुआ था. अब कपडवंज के स्थानीय चुनाव में बीजेपी का दबदबा है.

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कपड़गंज में बीजेपी के लिए कांग्रेस से सीट छीनने की चुनौती
कपड़गंज में बीजेपी के लिए कांग्रेस से सीट छीनने की चुनौती
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कपड़वंज सीट पर लगातार तीन चुनाव हार चुकी है बीजेपी
  • कपड़वंज में पाटीदार समुदाय का दबदबा

कपड़वंज शब्द "कपड़ा" और "वाणिज्य" को जोड़कर बना है यानी शहर के नाम का अर्थ है "कपड़ों के व्यापार का केन्द्र". गुजरात के कपड़वंज विधानसभा सीट की यही पहचान है. एक समय में यह टेक्सटाइल्स का हब था. कपडवंज गुजरात के खेड़ा जिले का एक शहर है और मोहर नदी के तट पर बसा हुआ है. यह अहमदाबाद से 65 किमी और वडोदरा से 93 किमी दूर है.

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राजा जयसिंह सिद्धराज (1094 - 1143) ने गुजरात में कुछ बेहतरीन स्थापत्य संरचनाओं का निर्माण किया था जिसमें शहर के केंद्र में दो उत्तम वाव और एक तोरण बनवाया था. कुंडवा नामक मुख्य संरचना एक आयताकार संरचना है, जो मोढेरा सूर्य मंदिर की सीढ़ी के समान है.  हालांकि, यह मोढेरा की तुलना में छोटा है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि 

कपड़वंज में अब तक 9 बार चुनाव हुए हैं और 1990 तक यह  सीट कांग्रेस के खाते में थी. उसके बाद लगातार तीन बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. क्षत्रिय और ओबीसी मतदाताओं ने इस सीट पर साल 1995 में बीजेपी उम्मीदवार मनीभाई पटेल चुनाव जीते थे. इसके बाद 1998 और 2002 में बीजेपी से बिमल शाह  दो बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 

बिमल शाह केशुभाई पटेल की सरकार में 1999 - 2001 तक परिवहन मंत्री रह चुके हैं  लेकिन 2007 में बिमल शाह चुनाव हार गये और कांग्रेस उम्मीदवार मनीभाई पटेल चुनाव जीत गए. उन्होंने बीजेपी छोड़कर हाथ का दामन थाम लिया था.

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मनीभाई पटेल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला था तो वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे.  2012 में कांग्रेस से शंकरसिंह वाघेला इस सीट से चुनाव जीत गये.  

2017 में बीजेपी ने बिमल शाह को टिकट नहीं दिया ओर नाराज होकर बिमल शाह निर्दलीय चुनाव में उतर गए और इसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ा. इस सीट पर एक बार फिर कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.   

सामाजिक ताना-बाना 

जिले के कुछ ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक प्राचीन काल में भृगु ऋषि का आश्रम छिपिआल के पास वत्रक (वेत्रावती) नदी के तट पर स्थित था. कई राजकुमार शिक्षा प्राप्त करने के लिए भृगु ऋषि के आश्रम में आते थे और उस समय उन्हें तोपखाने का ज्ञान दिया जाता था.

आश्रम में एक यज्ञ कुण्ड भी था जो अब भृगु कुंड के नाम से जाना जाने लगा. पारासर मंदिर नदी के विपरीत किनारे पर स्थित है जिसे परेश्वर के नाम से जाना जाता है.  इन स्थानों पर हर साल पारंपरिक मेले लगते हैं.

कठलाल में खेडा सत्याग्रह से जुड़ी एक घटना में कठलाल के मोहनलाल पांड्या ने इसमें भाग लिया था. अंग्रेजों के हाथों प्याज की बिक्री रोकने के लिए बापू ने उन्हें डूंगरीचोर की उपाधि दी थी. 

वोटरों की संख्या
पुरुष  :  1,40,717
महिला  :  1,33,801
अन्य : 11
कुल :  2,74,529

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2017 का जनादेश 
कपड़वंज मे 73.21% मतदान हुआ था ओर कांग्रेस से कालाभाई डाभी ने इस सीट से जीत दर्ज की थी.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड 
नाम : कालाभाई डाभी 
उम्र : 66 साल
शिक्षा : 8वीं पास 
व्यवसाय: डेरी फार्म
परिवार: पत्नी 
संपत्ति: 1,33,91,666 रुपये

स्वच्छ छवि वाले कालाभाई डाभी पर कोई क्रिमिनल केस नहीं है. कालाभाई को कठलाल में काफी पसंद किया जाता है. वो राजनीति मे काफी अनुभवी है. काला भाई अपने विधायक निधि से रोड, पानी अस्पताल में सुविधा विस्तार सहित कई अन्य काम किए हैं.

जिले के मुख्य उद्योग कपड़ा, कागज, बिजली के उपकरण और खाद्य प्रसंस्करण हैं.  खेड़ा अपने लकड़ी उद्योग के लिए जाना जाता है और इसे लकड़ी की पैकेजिंग के मुख्य केंद्र के रूप में भी लोग जानते हैं. 
 
जिले में 200 से अधिक लकड़ी मिलें हैं. सिरेमिक, प्लास्टिक और उनके उत्पाद, सीमेंट और जिप्सम निर्माण उद्योग भी बढ़ रहे हैं.  जिले में विकास की अपार संभावनाएं हैं. मातर तालुका में प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है. तेल और प्राकृतिक गैस के लिए शेल इंडिया का अपना बॉटलिंग और फिलिंग प्लांट है.  राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के पास कई गोदाम हैं.

जिले में कुल 9 प्रमुख नदियां हैं, जिसमें माही, साबरमती, मेशो, खारी, लूनी, वरासी, सिहार, वात्रक और शेढ़ी प्रमुख हैं.  ठासरा तालुका के निकट बहने वाली माही नदी अपने विशाल विस्तार के कारण महिसागर के नाम से प्रसिद्ध है. खेड़ा में विधानसभा की कुल 6 सीटें हैं.
 

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प्रमुख समस्याएं

खेड़ा में विकास और भ्रटाचार मुख्य समस्या है. रोजगार, सड़क, पानी की कमी और प्राथमिक सुविधाओं की बात हर पार्टी करती है लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में इन सुविधाओं का घोर अभाव है. (कपड़वंज से हेताली शाह की रिपोर्ट)

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