चुनाव आयोग ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. गुजरात में दो चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर को तो दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. गुजरात चुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को आएंगे. गुजरात में चुनाव आयोग फेक न्यूज से निपटने, क्रिमिनल कैंडिडेट्स की जानकारी समेत तमाम नई पहलों की भी शुरुआत करने जा रहा है. आईए जानते हैं चुनाव आयोग की अहम घोषणाएं.
- गुजरात में 10 अक्टूबर 2022 तक 4.9 करोड़ वोटर हैं. इनमें से 2.53 करोड़ पुरुष, 2.37 करोड़ महिलाएं वोटर हैं. इस बार 80 साल से ऊपर के 9.87 लाख वोटर मतदान करेंगे. जबकि दिव्यांग वोटरों की संख्या 4.04 लाख है. 4.61 लाख वोटर ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे.
- निर्वाचन आयोग की पहल पर कानून में किये बदलाव की वजह से नए मतदाताओं के लिए 4 क्लाईफायिंग डेट संभव हो सकीं . अब साल में चार बार मतदाता रजिस्टर्ड करा सकते हैं. गुजरात में इस बार 3,24,420 नए युवा मतदाता मतदान कर सकेंगे.
- गुजरात में 182 विधानसभा सीटों पर 51782 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. औसतन हर 948 वोटरों पर एक मतदान केंद्र है. शहरी क्षेत्रों में 17506, जबकि ग्रामीण में 34276 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदान स्थलों में से कम से कम 50% मतदान केंद्र पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी. सभी मतदान स्थल ग्राउंड फ्लोर पर बनाए गए हैं. इनमें सभी आम सुविधाएं मौजूद रहेंगी.
- गुजरात में 1274 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे, जिनपर सिर्फ महिला कर्मचारी, अधिकारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती होगी. 182 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे, जिनमें दिव्यांगजन तैनात होंगे. वहीं, 33 पोलिंग स्टेशन पर सबसे युवा स्टाफ होगा. दिव्यांग वोटरे सुविधा पोर्टल से व्हीलचेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं.
- वोटरों को प्रेरित करने के लिए पहली बार शिपिंग कंटेनर में भी पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन्हें भरूच के आलियाबेट में रखा जाएगा. यहां 217 वोटर हैं. इससे पहले इन वोटरों को 217 किलोमीटर का सफर तय करके वोटिंग करने जाना पड़ता था.
-चुनाव आयोग ने वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं की सहूलियत के लिए मतदान केन्द्र पर सभी इंतजाम किए हैं. इसके अलावा ऐसे वोटरों को घर से भी वोट डालने की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए उन्हें पहले से चुनाव आयोग को जानकारी देनी होगी.
- चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए चुनाव आयोग ने cVigil App जारी की है. इसके जरिए वोटर Electoral Mal practices की सूचना चुनाव आयोग तक दे सकते हैं. शिकायत के 60 मिनट में टीम का गठन किया जाएगा. शिकायत पर 100 मिनट में एक्शन लिया जाएगा.
- सुविधा पोर्टल के जरिए उम्मीदवार मीटिंग और रैली की अनुमति ले सकता है.
- उम्मीदवारों को अपने ऊपर दर्ज अपराधों की जानकारी देनी होगी. वोटर ECI के KYC App और https://affidavit.eci.gov.in के जरिए उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को देख सकेंगे. उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान ही अखबारों और टीवी पर 3 बार आपराधिक रिकॉर्ड की सूचना प्रकाशित करानी होगी. उम्मीदवारों को वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और एक राष्ट्रीय और एक क्षेत्रीय अखबार में यह जानकारी देनी होगी. इतना ही नहीं पार्टियों को भी यह बताना होगा कि आखिर उन्होंने आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को क्यों टिकट दिया. उन्होंने और कोई उम्मीदवार क्यों नहीं मिला.
- अगर किसी सरकारी अधिकारी किसी धांधली में शामिल पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई होगी. ड्रग्स, शराब और कैश को जब्त करने के लिए टीमें तैनात रहेंगी.
- चुनाव के दौरान प्रशासन को सोशल मीडिया और फेक न्यूज के बारे में निर्देश दिए गए हैं. जिला अधिकारियों को सोशल मीडिया टीम गठित करने का आदेश दिया गया है. सीओ ऑफिस में भी टीमें रहेंगी. ये ऐसी फेक न्यूज पर नजर रखेंगी जो शांति व्यवस्था को प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई हों या वोटरों को एक फेवर में लाने के लिए की गई हों. प्रशासन ऐसे लोगों पर उचित कार्रवाई करेगा.