गुजरात का सियासी इतिहास देखें तो चुनावों में अक्सर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती रही है, लेकिन पोरबंदर की कुतियाना एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां पिछले कुछ वर्षों से एनसीपी का दबदबा रहा है. साल 2012 में इस सीट पर एनसीपी उम्मीदवार कांधल जाडेजा ने जीत हासिल की थी. 2017 में भी एक बार फिर कांधल जाडेजा यहां से जीतने में कामयाब रहे.
कुटियाना विधानसभा सीट गुजरातके पोरबंदर जिले में आती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कुटियाना में 50.39 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2017 में राकांधल जाडेजा ने भारतीय जनता पार्टी के ओडेदरा लखमणभाई भीमाभाई को 23,709 वोटों के अंतर से हराया था. कांधल जडेजा, पोरबंदर की लेडी डॉन संतोक बेन जडेजा के बेटे हैं. माना जाता है कि कुतियाना में कांधल जाडेजा किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े. उनकी जीत तय है. इससे उनके दबदबे का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है.
हैरानी की बात यह है कि 2017 से कांधल जाडेजा चाहे राज्यसभा का चुनाव हो या राष्ट्रपति का चुनाव, वह हमेशा पार्टी के विरोध में वोटिंग करते रहे हैं. 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता अहमद पटेल (अब दिवंगत) का खिलाफ खुलकर विरोध करते हुए बीजेपी कैंडिडेट को वोट दिया था. इसके बाद हर राज्यसभा चुनावों में वह बीजेपी प्रत्याशी को वोट देते रहे हैं. हालिया राष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने पार्टी लाइन से अलग एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु को वोट दिया था. चर्चा है कि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले कांधल जाडेजा बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
इसी साल अप्रैल में कांधल जडेजा को 15 साल पुराने मामले में राजकोट कोर्ट ने दोषी करार दिया था. अदालत ने 2007 में पुलिस की हिरासत से भागने के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. हालांकि उनके वकील अंश भारद्वाज ने कहा कि उनको जेल जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वे पहले ही एक साल 7 महीने की सजा काट चुके हैं. सजा सुनाए जाने के बावजूद कांधल जडेजा 2022 विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे.