scorecardresearch
 

Lunawada Assembly Seat: लुणावाड़ा में बीजेपी का कब्जा, यहां फिट नहीं बैठता जातीय समीकरण

लुणावाड़ा सीट पर साल 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी लेकिन 2017 में उम्मीदवार बदलने के बाद कांग्रेस इस सीट से चुनाव हार गई थी. इस सीट पर बीजेपी को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा था और निर्दलीय उम्मीदवार रतन सिंह राठौड़ को जीत मिली थी. हालांकि बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए थे.

Advertisement
X
2017 के चुनाव में निर्दलीय के खाते में गई थी लुणावाड़ा विधानसभा सीट
2017 के चुनाव में निर्दलीय के खाते में गई थी लुणावाड़ा विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लुणावाड़ा में लगातार दो बार चुनाव जीत चुकी है कांग्रेस
  • लुणावाड़ा में बीते चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को मिली थी जीत

गुजरात के महिसागर जिले में विधानसभा की तीन सीटें हैं. जिसमें से एक लुणावाड़ा विधानसभा सीट भी है. लुणावाड़ा जिला मुख्यालय भी है और इसे लोग छोटी काशी के नाम से भी जानते हैं. यहां के संस्कृत पाठशाला में बड़े-बड़े विद्वान संस्कृत की पढ़ाई कर चुके हैं.

Advertisement

देश के संविधान का संस्कृत में रूपांतरण यहीं के विद्वान एम ए दवे ने किया है. आजादी के पहले लुणावाड़ा स्टेट था. गुजराती साहित्य की प्रथम नवल कथा "कृष्ण घेलो" स्टेट के दीवान नर्मदा शंकर मेहता ने लिखी थी. 

लुणावाड़ा विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि 

लुणावाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक प्रोफेसर हीराभाई पटेल ने 2007 और 2012 में जीत हासिल की थी. हालांकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के दामाद परमदित्यजीत सिंह को उमीदवार बनाया गया था.

वो इस सीट से चुनाव हार गए थे. इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मनोज पटेल की भी हार हुई थी और निर्दलीय ओबीसी जाति के उम्मीदवार रतन सिंह राठौड़ विजयी हुए थे. 

Advertisement

विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रतन सिंह राठौड़ ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें साल 2019 लोकसभा चुनाव में पंचमहाल सीट से उमीदवार बनाया था.

रतन सिंह राठौड़ के सांसद बनते ही लुणावाड़ा विधानसभा सीट पर 2019 में उपचुनाव हुआ और इसमें बीजेपी के ही जिग्नेश सेवक ने 11 हज़ार 952 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. जिग्नेश सेवक ने कांग्रेस के उम्मीदवार (बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल) गुलाब सिंह चौहान को हराया था.

लुणावाड़ा विधानसभा सीट पर वोटरों की संख्या

पुरूष मतदाता :- 145467
महिला मतदाता :- 138414
अन्य मतदाता :- 04
कुल मतदाता :- 283885

लुणावाड़ा विधायक :- जिग्नेश सेवक
जाति :-  ब्राह्मण
पढ़ाई :- बीएससी एल एल बी
जन्म तारीख :- 10/11/1975
व्यवसाय :- खेती और बिजनस

जातीय समीकरण 

लुणावाड़ा विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 2,83,885 मतदाता हैं जिनमें सबसे ज्यादा 34 फीसदी ओबीसी हैं और 20 फीसदी पाटीदार मतदाता है. सबसे ज्यादा ओबीसी मतदाता होने के बावजूद बीजेपी की तरफ से 2002 में विधायक रह चुके ओबीसी समाज के नेता कालूभाई  मालीवाड़ 2007 में 84 वोट से और 2012 में 370 वोट से चुनाव हार चुके हैं. 

2017 में कांग्रेस और बीजेपी को हराकर निर्दलीय ओबीसी उम्मीदवार रतनसिंह राठौड़ ने जीत दर्ज की थी. 2019 के उपचुनाव में गुलाब सिंह चौहान बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और कांग्रेस ने 2019 के उपचुनाव में उन्हें उम्मीदवार भी बनाया था.

Advertisement

हालांकि ओबीसी जाति के होने के बाद भी वो चुनाव हार गए थे और सवर्ण जाति के जिग्नेश सेवक को जीत मिली थी. इस सीट पर जातिवाद का असर कम ही देखने को मिलता है.

ये भी पढ़ें:

 

Advertisement
Advertisement