गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस बीच हम आपको राज्य की सिद्धपुर विधानसभा सीट के सियासी समीकरण से रूबरू करा रहे हैं. इस सीट पर साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के चंदनजी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के जयनारायण व्यास को हराया था. चंदनजी को करीब 87 हजार वोट मिले थे. इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुकाबला और दिलचस्प होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
करीब 17 हजार वोट से हारे थे व्यास
साल 2017 के चुनाव में सिद्धपुर विधानसभा सीट से जीते चंदनजी ठाकोर को करीब 87 हजार वोट मिले थे. जबकि व्यास को 70 हजार मतों से संतोष करना पड़ा था. सिद्धपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लिए ठाकोर फैक्टर काफी सफल रहा था. व्यास इस सीट से चार बार विधायक बन चुके हैं. इस बार जनता किसी अपना आशीर्वाद देगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है.
गौरतलब है कि गुजरात में दलितों के लिए 13 सीटें रिजर्व हैं. इसमें असरवा, राजकोट ग्रामीण, गड्डा, वडोदरा सिटी, बारडोली, काडी, इदर और गांधीधाम सीट पर बीजेपी के विधायक हैं, जबकि दानिलिमदा, दासदा, कलावाड़, कोडिनार सीट कांग्रेस जीती थी. वडगाम से निर्दलीय प्रत्याशी जिग्नेश मेवाणी विधायक बने थे. इसके अलावा जिन 12 सीटों पर दलित मतदाता 10 फीसदी से अधिक हैं, वो सीटें अमराईवाड़ी, बापूनगर, ठक्करबापा नगर, जमालपुर, ढोलका, पाटन, चनास्मा, सिद्धपुर, केशोद, अब्दसा, मनावदार और वाव सीट है. बीजेपी को भरोसा है कि इस बार विधानसभा चुनावों में दलित समुदाय का वोट उसे मिलेगा. जबकि कांग्रेस उम्मीद लगाए है कि दलित सीटों पर उसे पिछली बार से ज्यादा वोट मिलेंगे.