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गुजरात: हार्दिक पटेल आखिर क्यों कांग्रेस से नाराज हैं? हो सकती हैं ये 5 वजहें

गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सियासत में आए हार्दिक पटेल कांग्रेस से नाराज दिख रहे हैं. उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए हैं. हार्दिक ने कांग्रेस पर पाटीदार समाज के अपमान करने का आरोप लगाया तो नरेश पटेल की एंट्री में हो रही देरी पर भी सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में आखिर क्या वजह है कि हार्दिक पटेल कांग्रेस से खफा-खफा नजर आ रहे हैं?

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गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नरेश पटेल के आने से क्या हार्दिक पटेल का कद घटेगा
  • कांग्रेस में क्या हार्दिक पटेल की अनदेखी की जा रही है

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अभी से सियासी बिसात बिछाने में जुटी है तो कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल अपनी ही पार्टी की रीति-नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं. हार्दिक ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस पाटीदार समुदाय का अपमान कर रही है. खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल को लेकर कांग्रेस को जल्द निर्णय करना चाहिए और पार्टी उनकी भूमिका पर भी फैसला करे. हार्दिक पटेल के इस बयान के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गुजरात चुनाव से ठीक पहले हार्दिक पटेल की कांग्रेस से नाराजगी की क्या वजह है? 

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2018 में मेहसाणा की स्थानीय अदालत ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी, जिस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाकर उन्हें बड़ी राहत दी है. हार्दिक पटेल का विधानसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा, जिसकी चलते अब वो अपने सियासी कद को पार्टी में मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन उनकी राह में कई राजनीतिक बधाए हैं. कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल को तीन साल हो रहे हैं और कार्यकारी अध्यक्ष बने दो साल हो रहे हैं, लेकिन वह सियासी मुकाम हासिल नहीं कर सके. 

तीन साल के अपने सियासी सफर में हार्दिक पटेल न तो खुद को पार्टी में अभी तक मजबूती से स्थापित कर पाए हैं और न ही जिनको अपने साथ लेकर आए हैं, उन्हें कोई अहमियत दिला पा रहे हैं. वहीं, अब नरेश पटेल के कांग्रेस में आने की चर्चा तेज है, जिन्हें गुजरात चुनाव में सीएम का चेहरा बनाने की भी बात चल रही है. इसीलिए हार्दिक पटेल ने पाटीदार नेता नरेश पटेल की एंट्री और भूमिका तय कराने की बात कर रहे हैं ताकि अपने सियासी भविष्य की भी पटकथा लिख सकें. जानिए वे 5 कारण जिनके चलते हार्दिक पटेल बेचैन हैं और कांग्रेस से नाराज दिख रहे.

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नरेश पटेल के आने से हार्दिक का कद घटेगा?

गुजरात कांग्रेस के अंदर फिलहाल हार्दिक पटेल का अपना सियासी कद है, लेकिन नरेश पटेल आते हैं तो निश्चित ही हार्दिक का असर कम होगा. इसकी वजह यह भी है कि हार्दिक पटेल से कहीं बड़े पाटीदार समुदाय के नेता नरेश पटेल हैं. नरेश लेउआ पटेल हैं, जिसकी आबादी अच्छी खासी है जबकि हार्दिक कड़वा पटेल हैं. इसके अलावा नरेश पटेल खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया हैं, जो पाटीदार समुदाय का संगठन है.

नरेश बहुत मजबूत पाटीदार नेता हैं और सौराष्ट्र की 35 से अधिक सीटों पर उनका प्रभाव है. नरेश पटेल के सियासी कद को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें सीएम का चेहरा घोषित कर सकती है. इसलिए हार्दिक की नजर नरेश पटेल की एंट्री और उनकी पार्टी में भूमिका पर है. सूत्रों की मानें तो नरेश पटेल के शामिल होने के बाद अपने सियासी भविष्य पर कोई फैसला करेंगे.

कांग्रेस में ओबीसी-एसटी जातियों का दबदबा?

गुजरात में पाटीदार समुदाय बीजेपी का कोर वोटबैंक माना जाता है तो कांग्रेस में ओबीसी जातियों और आदिवासी समाज के नेताओं का दबदबा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान ओबीसी समाज से आने वाले जगदीश ठाकोर के हाथों में है तो सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर आदिवासी समुदाय के नेता सुखराम राठवा विराजमान है. पाटीदार समुदाय कांग्रेस का वोटबैंक कभी नहीं रहा, जिसके चलते पटेल समुदाय के नेताओं का भी पार्टी में बहुत दखल नहीं रही. लेकिन, हार्दिक पटेल जब से कांग्रेस में आए हैं, वह पाटीदारों की दखल बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन ओबीसी और आदिवासियों के प्रभाव के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. इसीलिए हार्दिक पटेल ने कहा कि 2017 में कांग्रेस ने हार्दिक का उपयोग किया, 2022 के चुनाव नरेश पटेल का करना चाहते हैं, तो क्या 2027 में किसी दूसरे पटेल को तलाश करेंगे.   

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पाटीदार समुदाय का बढ़ाना चाहते हैं दखल

पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सियासत में आए हार्दिक पटेल की कवायद गुजरात कांग्रेस में पाटीदार समुदाय का सियासी वर्चस्व को स्थापित करने की है. हार्दिक पटेल ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन का कांग्रेस को फायदा हुआ, लेकिन 2019 के लोकसभा और 2021 के निकाय चुनाव में पाटीदारों की उपेक्षा के कारण कांग्रेस की करारी हार हुई है. नरेश पटेल की एंट्री में हो रही देरी को हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय के अपमान बता दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी का सम्मान नहीं कर सकती तो नहीं करे, लेकिन किसी का अपमान करने का उसे कोई अधिकार नहीं है. साथ ही हार्दिक ने कहा कि 2017 में जीते 16 विधायक पार्टी छोड़कर चले गए, लेकिन कांग्रेस उन्हें बिकाऊ बताकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती. पार्टी में भी कोई कमी रही होगी तभी को छोड़कर गए हैं. 

कांग्रेस में अनदेखी से परेशान हार्दिक

कांग्रेस का दामन थामे हुए हार्दिक पटेल के तीन साल हो गए हैं, लेकिन अपने आपको वो स्थापित नहीं कर पाए हैं. वह कांग्रेस में अपनी लगातार हो रही अनदेखी से चिंतित हैं और नाराज दिख रहे हैं. हार्दिक भले की गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हों, लेकिन पार्टी में कोई खास दखल नहीं है. यह बात हार्दिक खुद कह रहे हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के बाद भी जो निर्णय लेते समय उन पर विचार नहीं किया जाता है.

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हाल ही में कई कार्यक्रमों में चाहे महंगाई के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन रहा हो या फिर आजादी गौरव यात्रा, किसी भी जगह हार्दिक पटेल को नहीं देखा गया है. हार्दिक की नाराजगी की एक बड़ी वजह पार्टी में उनका सियासी दखल न होना. 

हार्दिक के लोगों को नहीं मिली जगह

हार्दिक पटेल ने 2019 में कांग्रेस का दामन थामा था तो उनके साथ कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी में शामिल हुए थे. हार्दिक खुद भले ही प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं, लेकिन अपने करीबी नेताओं को कांग्रेस संगठन में कोई खास जगह नहीं दिला पाए हैं. इसीलिए हार्दिक पटेल कहते हैं कि उनका कार्यकारी अध्यक्ष का पद सिर्फ कार्यक्रमों में जाने व दौड़ भाग तक सीमित है. इसके अलावा शंका यह भी है कि चुनाव में अगर अपने करीबी नेताओं को कांग्रेस में टिकट नहीं दिला पाते हैं तो उससे उनकी पकड़ और भी कमजोर होगी. 

हालांकि, गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि हमने मीडिया में हार्दिक पटेल के द्वारा दिए गए बयान देखे हैं. हम हार्दिक पटेल को पार्टी कार्यालय बुलाएंगे और उनसे पूरे मामले पर चर्चा करेंगे. ऐसे में हम समझने की कोशिश करेंगे कि उनके क्या मुद्दे हैं, उसके बाद ही हम आगे बात कर पाएंगे.

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इसी के साथ जगदीश ठाकोर ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने कभी पाटीदार या नरेश पटेल का अपमान नहीं किया. हमने खुले तौर पर कहा है कि नरेश पटेल कांग्रेस पार्टी में शामिल होते हैं तो कांग्रेस पार्टी बहुत खुश होगी. हमने हमेशा कहा है कि नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए. देरी कांग्रेस पार्टी की ओर से नहीं है. 

 

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