गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए माहौल सेट हो चुका है. पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट भी गई हैं. कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं. तीनों ही अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. ऐसे में बीजेपी की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह भी सक्रिय हो गए हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने मिशन गांधीनगर बनाया है. इसमें उन्होंने अपनी लोकसभा सीट यानी गांधीनगर में सभी सात सीटें जीतने का टारगेट रखा है. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, इस बार गृहमंत्री अमित शाह खुद अपने लोकसभा चुनाव क्षेत्र गांधीनगर के तहत आने वाली 7 विधानसभा सीट में से 7 सीट जीत का टारगेट रख रहे हैं. पिछले यानी साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने इन सात में से पांच सीटें जीती थी. वहीं दो सीट कांग्रेस के हिस्से में थी.
गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सीट आती हैं
हर 15 दिन में लोकसभा क्षेत्र जाते हैं अमित शाह
2019 में लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह खुद अपनी लोकसभा सीट पर हर 15 दिनों में एक बार आए हैं. इस दौरान यहां पर अलग अलग विकास के कार्यों का भूमी पूजन से लेकर लोकार्पण भी खुद ही किया है. अमित शाह के नजदीकी लोगों का कहना है कि वे लगातार पिछले लंबे वक्त से गांधीनगर नोर्थ और कोलल की विधानसभा सीट पर ज्यादा ध्यान केन्द्रीत कर रहे हैं, क्योंकि अमित शाह ये मानते हैं कि लोकसभा में उनकी जीत तब पूरी कही जाएगी जब इस लोकसभा सीट में आने वाली सभी विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत हो.
गांधीनगर नोर्थ की सीट पर 2017 में कांग्रेस के डॉ.सी.जे चावडा ने 5736 वोटों से जीत हासिल की थी, जब की कलोल की सीट से कांग्रेस के बलदेवजी ठाकोर ने 7965 वोटो से जीत हासिल की. जीत का ये मार्जिन काफी कम है, इसलिए इस बार बीजेपी और अमित शाह पूरा जोर लगाना चाहते हैं.
हाल ही में गुजरात दौरे पर आए अमित शाह ने पूरे चार दिन अपने लोकसभा क्षेत्र में बिताए थे. यही नहीं खुद देर रात तक वह अपनी लोकसभा में आने वाले सभी विधानसभा सीट के बीजेपी नेताओं के साथ बातचीत करते रहे. जैसे अगर कोई टिकट ना मिलने से नाराज था तो उनको आमने-सामने बैठाकर भी बात की और मनाने की कोशिश की.
अमित शाह के संसदीय क्षेत्र वाले इलाके से ही सीएम भूपेंद्र पटेल भी चुनावी मैदान में हैं. वह धाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके नॉमिनेशन के वक्त शाह भी मौजूद रहे. ऐसे ही दूसरी सीट साणंद जहां पर विधायक कनु पटेल के इस बार चुनाव में जीत की संभावना स्थानीय किसानों के विरोध के चलते कम थी, वहां भी शाह खुद नॉमिनेशन दाखिल करवाने गए. स्थानीय नेताओं से अमित शाह ने खुद बात भी की थी ताकि उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो पाए.