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गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ गई है. बीजेपी ने प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस ने अपने सियासी इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन किया है. छह दशक में कांग्रेस को कभी इतनी कम सीटें गुजरात में नहीं मिली थीं. राम मंदिर आंदोलन और आपातकाल के दौर में भी कांग्रेस को गुजरात में इतनी करारी हार का सामना नहीं करना पड़ा था.
गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी ने यहां 153 सीटें जीती हैं वहीं तीन पर वह बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 16 सीटें जीती हैं और बस एक पर उसको बढ़त हासिल है. इतना ही नहीं कांग्रेस का वोट शेयर भी काफी गिरा है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने गुजरात में 5 सीटें जीती हैं. तो अन्य के खाते में तीन सीटें आई हैं.
बता दें कि देश की आजादी के बाद गुजरात बॉम्बे प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था. एक मई 1960 को बॉम्बे से महाराष्ट्र और गुजरात दो नए राज्य बने. गुजरात में 1960 के बाद से 2022 तक कुल 15वां विधानसभा चुनाव हुए. इसबार कांग्रेस को करारी हार मिली है.
1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान गुजरात में कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन देखा गया था. तब पार्टी सिर्फ 33 सीटें जीतने में सफल हुई थी. इसके बाद कांग्रेस की सीटें कुछ हद तक बढ़ती गईं. 2002 में कांग्रेस को 50, जबकि 2007 में 59 सीटें मिली थीं. 2017 में पार्टी ने 77 सीटें जीती थीं और बीजेपी को कड़ी टक्कर भी दी थी. दो दशकों में कांग्रेस ने 2017 में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था.
1962 से लेकर 1976 तक कांग्रेस ने गुजरात में एकछत्र राज किया था, लेकिन उसे पहला झटका आपातकाल के दौर में लगा और कांग्रेस की सीटें घटकर 75 पर आ गई थीं. इससे पहले तक कांग्रेस 100 सीटों से अधिक पर जीत हासिल करती रही है. इसके बाद कांग्रेस ने 1980 में दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की थी और 51 फीसदी वोटों के साथ 141 सीटें जीतने में सफल रही थी. इसके बाद 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था. कांग्रेस 55.55 फीसदी वोटों के साथ 149 सीटें जीतने में सफल रही थी.
कांग्रेस इस चुनाव के बाद से गुजरात में लगातार कमजोर हुई है और छह दशकों में सबसे खराब प्रदर्शन अभी तक 1990 के चुनाव में रहा था. कांग्रेस 30.75 फीसदी वोटों के साथ महज 33 सीटें ही जीत सकी थी, लेकिन अब कांग्रेस इससे भी बुरी हार की ओर बढ़ती दिख रही है. कांग्रेस की सिर्फ सीटें ही नहीं बल्कि वोट शेयर भी काफी गिर गया है.