गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजे गुरुवार 8 दिसंबर को आ गए हैं. राज्य में एक बार फिर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस इस बार बेहाल नजर आई, जबकि आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य में अपना खाता खोल दिया है. इस बीच गुजरात की एक सीट पर लोगों की खास नजर थी. वो सीट है मोरबी. दरअसल, यहां अक्टूबर में हुए पुल हादसे में सौ से अधिक लोगों की जान गई थी. जिसको लेकर लगातार चर्चा थी कि बीजेपी को इस सीट पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि नतीजे इसके उलट आए.
इस सीट से बीजेपी ने मौजूद विधायक कांतिलाल अमृतिया को मैदान में उतारा था तो वहीं कांग्रेस से जयंतीलाल जेराजभाई और आम आदमी पार्टी से पंकज कांतिलाल रणसरिया चुनाव लड़ रहे थे. मोरबी में बीजेपी उम्मीदवार 1 लाख 14 हजार 538 वोट हासिल कर विजयी हुए हैं, जबिक कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे और तीसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के पंकज कांतिलाल रणसरिया रहे.
बता दें कि गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को हुए हादसे में सौ से अधिक लोग मारे गए थे. करीब 5 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में मृतकों के शवों को निकाल लिया गया था. गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज काफी पुराना था. रविवार का दिन होने के चलते ब्रिज पर काफी तादाद में लोग पहुंच गए थे. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई परिवार उस पर जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाए. भीड़ बढ़ने के बाद रविवार की शाम अचानक ब्रिज टूट गया और सैकड़ों लोग सीधे नदी में जा गिरे.
143 साल पुराना था ब्रिज
मोरबी का ब्रिज 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था. इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था. इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था. वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था, ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके.
ओरेवा ग्रुप ने कराई थी मरम्मत
गांधीनगर से 300 किलोमीटर दूर मच्छु नदी पर बना ये केबल ब्रिज 7 महीने से बंद था. पुल की मरम्मत का काम अजंता मैनुफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) को मिला था. ये कंपनी घड़ियां, एलईडी लाइट, सीएफएल बल्ब, ई-बाइक बनाती है. हालांकि, अब ये जानकारी सामने आई है कि अजंता मैनुफैक्चरिंग ने मरम्मत का ठेका किसी दूसरी कंपनी को दे दिया था.
सांसद के 12 रिश्तेदारों की जान गई
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर छोटे बच्चे थे. राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे में मारे गए थे. कुंदरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए.