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Exit poll: गुजरात में कांग्रेस के वोटों पर AAP ने फेरी झाड़ू, रिकॉर्ड की ओर कमल

आजतक और एक्सिस माय इंडिया (Aaj tak-axis my india) के एग्जिट पोल के नजीतों के मुताबिक गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जबरदस्त प्रदर्शन करती दिख रही है. गुजरात में 27 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी अबतक के अपने सबसे अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होती दिख रही है. जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार से भी खराब नजर आ रहा है. वहीं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 20 फीसदी वोट हासिल कर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

देश में दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद एग्जिट पोल के नतीजों में गुजरात में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत आता दिख रहा है तो कांग्रेस का सियासी वनवास 27 साल से बढ़कर 32 साल हो गया है. वहीं, पहली बार गुजरात में पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने भले ही बीजेपी को सत्ता से बेदखल करती नहीं दिख रही हो, लेकिन प्रदेश में एक सियासी ताकत के तौर पर जरूर उभरी है. इस तरह से आम आदमी पार्टी ने गुजरात में ऐसी झांड़ू चलाया कि कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई और बीजेपी इस बार रिकॉर्ड कमल खिलाती नजर आ रही है. 

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गुजरात विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भले ही बीजेपी को मात नहीं दे सकी, लेकिन कांग्रेस का वोट खाकर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने में सफल होती दिख रही है. आजतक और एक्सिस माय इंडिया (Aaj tak-axis my india) के एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 20 फीसदी वोट मिलने के अनुमान है. इसमें 15 फीसदी वोट कांग्रेस और साढ़े 3 फीसदी बीजेपी से गया है. सर्वे में AAP भले ही इसे सीट में बदल नहीं पाई, लेकिन वोटों से अरविंद केजरीवाल को खुश होने का मौका जरूर मिल गया है. 
 

आजतक और एक्सिस माय इंडिया (Aaj tak-axis my india) के एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी को 131-151 सीटें तो कांग्रेस को 16-30 सीटें तो आम आदमी पार्टी को 9-21 सीटें मिलने का अनुमान है. इन आंकड़ों के मुताबिक कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी कहीं न कहीं गुजरात में अपनी मजबूत पकड़ बनाती दिख रही है तो बीजेपी भी प्रदेश के सियासी रण में अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन करती दिख रही है. अगर उसका प्रदर्शन गुजरात में इसी तरह जारी रहा तो आने वाले चुनाव में वो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है. 

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एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को गुजरात में 46 फीसदी, कांग्रेस को 26 फीसदी, आम आदमी पार्टी को 20 फीसदी और अन्य को 8 फीसदी वोट मिले हैं. इसका मतलब है कि AAP को गुजरात में हर पांचवें आदमी ने वोट दिया है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, जो इस बार 16-30 सीटों पर सिमटती दिख रही है. बीजेपी को पिछले चुनाव में 99 सीटें मिलीं थीं, वहीं इस बार 131-151 सीटों पर कब्जा जमाती दिख रही है. इन आंकड़ों को देखें तो साफ है कि बीजेपी की सीटों में तो इजाफा हुआ है लेकिन कांग्रेस की सीटों में कमी हो रही है. वहीं, इस बार गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वोट में जबरदस्त सेंधमारी की है.

गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पास गवांने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन पाने के लिए पूरा मैदान था. इसीलिए अरविंद केजरीवाल ने ऐसा माहौल बनाया था कि वो बीजेपी को वो कड़ी टक्कर दे रहे हैं. एग्जिट पोल के नतीजे भी बता रहे हैं कि केजरीवाल की यह रणनीति काम आई और जहां पर पांच साल पहले उसका एक भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके थे, वहां पर उसे 9 से 21 सीट के बीच मिलने की संभावना जताई जा रही है. इस तरह से आम आदमी पार्टी गुजरात में तीसरी ताकत बनकर उभरती दिख रही है. 

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वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल, प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेता गुजरात में प्रचार के दौरान काफी कम नजर आए. आखिरी चरण में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत जैसे नेताओं ने जोर लगाया, लेकिन आम आदमी पार्टी के असर को बेअसर नहीं कर सके. गुजरात में 20 फीसदी वोट अगर केजरीवाल की पार्टी को मिलते हैं तो निश्चित तौर पर आने वाला समय कांग्रेस के लिए चुनौती भरा होगा. 

आम आदमी पार्टी के वोट शेयर

गुजरात में एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 20 फीसदी वोट शेयर मिले हैं. आंकड़ों के मुताबिक, एससी, एसटी, ओबीसी, ठाकोर, कोली, सवर्ण और मुसलमान सभी जातियों के वोटों में पार्टी ने सेंधमारी की है. एससी, एसटी  और मुस्लिम समुदाय के 30-30 फीसदी के करीब वोट मिल रहे हैं जबकि कोली, ओबीसी और ठाकोर समुदाय के वोट भी 14 से 19 फीसदी के करीब मिल रहे हैं. दलित, आदिवासी और मुस्लिम वोटों का आम आदमी पार्टी को मिलना कांग्रेस के लिए चिंता पैदा करने वाला है, क्योंकि गुजरात में कांग्रेस का यह कोर वोटबैंक माने जाते हैं. इससे एक बात साफ है कि गुजरात में कांग्रेस का विकल्प आम आदमी पार्टी बन रही है. 

बीजेपी की जीत में केजरीवाल की भूमिका?

एग्जिट पोल में बीजेपी गुजरात में एक बार फिर से रिकार्ड सीटों के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है, लेकिन इसमें पार्टी नेताओं से ज्यादा केजरीवाल का पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ना ट्रंप कार्ड साबित हुई है. एग्जिट पोल की तरह ही नतीजे आते हैं, तो बीजेपी सातवीं बार आसानी से सरकार बनाती नजर आएगी और अब तक जो सीटें उसकी हर चुनाव में घट रही थी वो इस बार बढ़ रही हैं. उसका विश्लेषण करते हैं तो साफ तौर पर दिखता है कि गुजरात चुनाव तीन धुर्वीय होने का फायदा बीजेपी को मिला है, क्योंकि आम आदमी पार्टी को जो 20 फीसदी वोट मिलें है, उसमें 16 फीसदी कांग्रेस और 3 फीसदी बीजेपी का वोट है. 

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2017 चुनाव नतीजों की बात करें, तो तब बीजेपी को 50%, जबकि कांग्रेस को 42.2 फीसदी वोट मिला था. यानी इस बार बीजेपी का वोट प्रतिशत भले ही थोड़ा घटता नजर आ रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी के चुनाव में उतरने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है. बीजेपी का वोट प्रतिशत 4% घटा है, तो वहीं कांग्रेस का 16% वोट घटा है. जबकि आप को 20% वोट मिला है. इससे साफ समझा जा सकता है कि सत्ता विरोधी वोट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बट गए और बीजेपी को उसका सीधा लाभ मिला. 

गुजरात में AAP तीसरी ताकत

गुजरात की सियासत में काफी लंबे समय के बाद आम आदमी पार्टी के रूप में कोई पार्टी तीसरी ताकत के तौर पर उभर रही है. आम आदमी पार्टी ने पंजाब की तरह ही गुजरात में दस्तक दिया है. 2017 में पंजाब में आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए मुख्य विपक्षी दल बनी थी और पांच साल के बाद कांग्रेस को हटाकर सत्ता पर काबिज हो गई. इसी फॉर्मूले पर केजरीवाल ने गुजरात में इस बार पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़कर अपने वोट परसेंट को बढ़ाया और खुद को कांग्रेस के करीब लाकर खड़ा कर दिया. ऐसे ही एमसीडी में भी केजरीवाल ने किया है. आम आदमी पार्टी अब गुजरात में बीजेपी, कांग्रेस के बाद तीसरी बड़ी ताकत बन गई है. ऐसे में आम आदमी पार्टी को अपना सियासी जनाधार और पार्टी संगठन को मजबूत करने का मौका मिल गया है और पांच साल का उसके पास वक्त भी है. कांग्रेस की जमीन हथियाने के बाद केजरीवाल की नगर अगली बार बीजेपी से सत्ता छीनने की होगी? 

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