गुजरात में मोरबी शहर की माच्छु नदी पर बने सस्पेंशन ब्रिज टूट जाने से 141 लोगों की जान जा चुकी है जबकि काफी लोग घायल हैं. जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे. इस हादसे को लेकर विपक्षी दलों ने गुजरात की बीजेपी सरकार को घेरा. इतना नहीं विपक्ष के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को याद दिला रहे हैं, जो उन्होंने साल 2016 में कोलकाता के फ्लाईओवर हादसे के बाद दिया था.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मोरबी में बहुत बड़ा हादसा हुआ है, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ली है. पांच दिन पहले पुल मरम्मत का काम पूरा हुआ था. सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए.' साथ ही दिग्विजय ने पीएम मोदी के उसी वाक्य को दोहरा रहे थे जिसे उन्होंने कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने के बाद बंगाल की ममता सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहे हमला बोला था.
Here are some of the examples of BJPMODISHAH regime’s “ACT OF FRAUDS”.
Thanks to research by @gurdeepsappal
All these are because the quality of construction is being compromised for “MONEY” gains as Modi ji explained in Kolkata bridge collapse.#MorbiBridgeCollapse https://t.co/SIjkFnUdVw— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2022
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मोदी जी मोरबी के पुल की दुर्घटना एक्ट ऑफ गॉड है या एक्ट ऑफ फ्रॉड है? 6 महीने से पुल की मरम्मत की जा रही थी. इसमें कितना खर्च आया? पांच दिनों में ही पुल गिर गया. गुजरात में 27 साल से बीजेपी की सरकार है, क्या यही है आपका विकास मॉडल? इसी साल जुलाई में कच्छ के बिदरा गांव में परीक्षण के पहले दिन नर्मदा नहर टूट गई थी. 8-9 सालों से निर्माणाधीन भुज सिटी ओवरब्रिज का उद्घाटन इसी वर्ष किया गया था और इसकी फिर से मरम्मत की जानी थी."
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हादसे को 'मानव निर्मित त्रासदी' करार दिया और इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है. सभी शोक संतप्त परिवारों को संवेदनाएं. यह प्राकृतिक हादसा नहीं, मानव निर्मित त्रासदी है. गुजरात की भाजपा सरकार इस जघन्य अपराध की सीधे-सीधे दोषी है. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गुजराती भाई बहनों की ज़िंदगी की क़ीमत 2 लाख रुपये लगा कर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बताना होगा जब ये पुल 26 अक्टूबर को ही मरम्मत के बाद खोला गया तो पुल कैसे गिर गया?
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी का एक वीडियो साझा किया, जब 2016 में पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले एक पुल गिर गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह भगवान की ओर से एक संकेत है कि किस तरह की सरकार चलाई गई. पीएम की इसी बात को लेकर श्रीनिवास ने कहा, 'क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी उसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे.'
जब बंगाल में पुल गिरा था, तब भारत के प्रधानमंत्री ने ये 'घटिया' और 'बेशर्मी' वाला बयान चुनावों के दौरान चंद वोटों के लालच में दिया था,
— Srinivas BV (@srinivasiyc) October 30, 2022
क्या आज प्रधानमंत्री इसी भाषा का इस्तमाल करेंगे? pic.twitter.com/t4GOFABiet
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुजरात के मोरबी शहर में पुल गिरने की घटना पर रविवार को चिंता और दुख जताया. मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताया. वहीं, बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सवाल किया कि बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई पुल गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए गुजरात में तथ्यान्वेषी टीम वहां भेज रही है या नहीं. उनका इशारा भाजपा द्वारा जलपाईगुड़ी में तथ्यान्वेषी टीम भेजे जाने की ओर था , जहां दुर्गा पूजा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान अचानक आयी बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी.
बता दें कि माच्छु नदी पर बना करीब एक सदी पुराना पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया. इस पुल को पांच दिन पहले मरम्मत के बाद फिर से जनता के लिए खोला गया था. ऐसे में पुल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके बाद पुल टूट गया. इस हादसे में अबतक 141 लोगों की मौत की खबर है. यह हादसा ऐसे वक्त में हुआ है जब गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. यही वजह है कि बीजेपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है.