गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक रखी है. मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए दावे और वादे किए जा रहे हैं. सियासी और मतदाता समीकरण के हिसाब से आज हम आपको बताने जा रहे हैं जेतपुर विधानसभा सीट के बारे में. गुजरात विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र क्षेत्र की जेतपुर विधानसभा सीट कई मायनों में खास है. यह राजकोट जिले की विधानसभा सीटों में से एक है.
गौरतलब है कि जेतपुर को साड़ी उद्योग के लिए जाना जाता है. जेतपुर एक ऐसा शहर है जहां रंगाई का सबसे बड़ा उद्योग है. साल 1970 से 1990 के बीच के जेतपुर ने साड़ी उद्योग में बेहतरीन पहचान बनाई. इसके चलते जेतपुर को मिनी दुबई का नाम मिला. अब बात करते हैं जेतपुर के सियासी माहौल के बारे में.
मतदाता समीकरण
इस सीट पर कुल 2 लाख 52 हजार 718 मतदाता हैं. इसमें लगभग 1 लाख 19 हजार 815 महिला और 1 लाख 32 हजार 901 पुरुष मतदाता हैं. जहां तक इस सीट पर जातीय समीकरण की बात है तो जेतपुर में लेउवा पटेल, कोली, कदवा पटेल, अहीर, क्षत्रिय, मालधारी, ब्राह्मण, खंट, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों का दबदबा है. जिसमें 7 फीसदी कोली, 45 फीसदी लेउवा पटेल, 13 फीसदी दलित, 7 फीसदी अल्पसंख्यक, 5 फीसदी कदवा पटेल, 5 फीसदी क्षत्रिय और 18 फीसदी अन्य मतदाता हैं.
सियासी समीकरण
जेतपुर विधानसभा क्षेत्र में 1990 से भाजपा का दबदबा रहा है. हालांकि साल 2012 में जयेश रादडिया ने कांग्रेस से भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. इसके दो महीने बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और उपचुनाव हुए. इसमें बीजेपी के जयेश राडिया ने जीत हासिल की थी.
स्थानीय समस्याएं
यहां के टेक्सटाइल इंडस्ट्री की मांग जीएसटी को सिर्फ 5 फीसदी ही रखने की है. औद्योगिक क्षेत्र की यह मांग आगामी विधानसभा चुनाव में काफी असर छोड़ सकती है. दूसरी ओर भादर नदी के किनारे बसे जेतपुर शहर में औद्योगिक प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है. उद्योगों का प्रदूषित पानी भादर में मिल जाने से किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही जेतपुर में किसानों को समय पर बिजली नहीं मिलने की शिकायतें अक्सर मिलती हैं.
पिछले चुनाव के परिणाम
बीजेपी: जयेश रादडिया को 98 हजार 948 वोट मिले
कांग्रेस: रवि अंबानिया को 73 हजार 367 वोट मिले