गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज हम आपको बताने जा रहे हैं राजकोट पूर्व विधानसभा सीट के बारे में. यहां राजनीतिक गहमागहमी काफी तेज है. राजकोट को रंगीन शहर कहा जाता है. राजकोट गुजरात राज्य का चौथा सबसे बड़ा शहर है. यह शहर अजी नदी के तट पर स्थित है. इसके साथ ही राजकोट सौराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण शहर माना जाता है. राजकोट में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से राजकोट पूर्व भी है.
मतदाता समीकरण
राजकोट पूर्व सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख 58 हजार 580 है. जिसमें करीब 1 लाख 36 हजार 972 पुरुष और 1 लाख 21 हजार 608 महिला मतदाता हैं. जाति समीकरण के लिहाज से देखें तो राजकोट पूर्व सीट में लेउवा पटेल, कडवा पटेल, लधुमती, दलित, कोली, मालधारी समुदाय प्रमुख हैं. कुल जनसंख्या में लेउआ पटेल 19 प्रतिशत, कोली 15 प्रतिशत, दलित 15 प्रतिशत, लधुमती 15 प्रतिशत, कडवा पटेल 5 प्रतिशत और अन्य 31 प्रतिशत मतदाता हैं.
सियासी समीकरण
साल 2012 में इस बैठक पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2017 यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी. वहीं आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. सौराष्ट्र के दो दिग्गज नेता पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु और राजकोट कांग्रेस के पार्षद वासराम सगथिया आप में शामिल हो गए हैं. उधर, पाटीदार भी बगावती मूड में हैं. नगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप त्रिवेदी का विरोध हो रहा है. इस लिहाज से आने वाले चुनाव में कांग्रेस को नुकसान भी हो सकता है.
स्थानीय समस्याएं
राजकोट में पिछले दस वर्षों में काफी विकास हुआ है. हालांकि, राजकोट में सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी है. इसलिए कहा जाता है कि राजकोट में पानी के लिए भी राजनीति की जाती है. इसके अलावा सड़क, सीवेज और स्वास्थ्य समेत कई मुद्दे हैं. शहर में यातायात की समस्या भी विकराल होती जा रही है. एक रेलवे लाइन राजकोट के केंद्र से होकर गुजरती है और मानव रहित रेलवे फाटकों के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
पिछले चुनाव का परिणाम
बीजेपी: अरविंद मैयानी को 93 हजार 087 वोट
कांग्रेस: मितुल डोंगा को 70 हजार 305 वोट