गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति के हिसाब से मतदाताओं को संगठित करने में जुटे हैं. ताकत का प्रदर्शन भी हो रहा है. पार्टियां मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए दिन-रात अपने प्लान पर काम कर रही हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुजरात की राजकोट पश्चिम सीट के बारे में. कई मायनों में यह सीट बहुत ही अहम है. जनता से लेकर नेताओं तक सभी की नजर राज्य की इस हॉट सीट पर है.
मतदाताओं का समीकरण
राजकोट पश्चिम सीट पर कुल 3.14 लाख मतदाता हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा 72 हजार पाटीदार मतदाता हैं. जिनमें से 38 हजार मतदाता कड़वा पाटीदार हैं. यहां पाटीदारों के अलावा 44 हजार ब्राह्मण, 30 हजार वाणिक और 24 हजार लोहाना मतदाता हैं. कुल मिलाकर राजकोट पश्चिम के 3.14 लाख मतदाताओं में से 1.70 लाख सवर्ण मतदाता हैं, जोकि निर्णायक माने जाते हैं.
सीट का सियासी समीकरण
इस विधानसभा क्षेत्र में सवर्ण जाति के काफी वोटर बीजेपी के पक्ष में रहे हैं. इसलिए इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ है. राजकोट पश्चिम के नाम से जानी जानी वाली विधानसभा सीट पर बीजेपी को आंतरिक संतुलन बनाए रखना है. हालांकि, इस सीट को बीजेपी के लिए राज्य की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है. 2001 में जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने तो उन्हें सबसे सुरक्षित विधानसभा सीट की तलाश थी. उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए.
उल्लेखनीय है कि राजकोट पश्चिम सीट वर्षों से बीजेपी का गढ़ रही है. 1977 से 2015 तक बीजेपी हर बार सत्ता में रही है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में इस सीट पर जीत के लिए कांग्रेस या आम आदमी पार्टी को एक दमदार उम्मीदवार को उतारना होगा.
पिछले चुनाव का परिणाम
बीजेपी: विजय रूपाणी को 1 लाख 31 हजार 586 वोट
कांग्रेस: इंद्रनील राजगुरु को 77 हजार 831 वोट