गुजरात में दाहोद जिले की झलोद विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. झलोद क्षेत्र में सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी है. यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. आइए जानते हैं पिछले चुनावों के परिणाम और इस सीट का सियासी समीकरण.
कई प्रयासों के बाद साल 2002 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत का स्वाद चखने में सफलता पाई थी. उससे पहले 1985, 1990, 1995, 1998 में कांग्रेस को ही जीत मिली थी. इस सीट पर 1 लाख 71 हजार 371 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 35 हजार 961 पुरुष, 1 लाख 35 हजार 405 महिला मतदाता और 5 अन्य मतदाता हैं. आदिवासी इलाका होने की वजह से भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ने ताकत झोंक रखी है.
साल 2012 में यहां पर कांग्रेस के मितेशभाई ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. मितेश भाई को 78 हजार 77 (लगभग 60 फीसदी) वोट मिले थे. बीजेपी के वाघेला भवसिंगभाई दिताभाई दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं, साल 2017 में कांग्रेस के कटारा भावेशभाई ने जीत दर्ज की थी.
लोगों की समस्याओं की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से अलग भीलिस्तान की मांग की जा रही है. झालोद के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे गराडू गांव में पानी की समस्या को लेकर लगातार आवाज उठती रही है. गौरतलब है कि भीलिस्तान की मांग मुख्य रूप से बीटीपी यानी इंडियन ट्राइबल पार्टी कर रही है.