गुजरात विधानसभा चुनावों को देखते हुए नडियाद विधानसभा सीट पर सियासी सरगर्मी काफी तेज है. इस सीट पर 1998 से लगातार बीजेपी का दबदबा रहा है. पंकज देसाई पिछले 5 बार से विधायक चुने जा रहे हैं. आज हम आपको इसी सीट के सियासी समीकरण से रूबरू कराएंगे.
नडियाद सीट गुजरात राज्य में खेड़ा जिले में आती है. यहां के जातिगत समीकरण की बात करें तो यह सीट पाटीदारों का गढ़ रही है. साल 1962 से 2017 तक सिर्फ पाटीदार उम्मीदवार ही चुनाव जीतते रहे हैं. इस सीट पर पाटीदारों के 28 हजार 740, मुस्लिम समुदाय के 24 हजार 840, वाणिक और ब्राह्मण समुदाय के 16 हजार 487, अनुसूचित जाति के 14 हजार 215, अनुसूचित जनजाति के 4512 और अन्य मतदाता शामिल हैं.
नदियाद विधानसभा सीट पर विकास के मुद्दे पर काफी चर्चा हो रही है. हालांकि, लंबे समय तक बीजेपी के शासन के बावजूद यहां कई जगह मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. जिसे लेकर विपक्षी दल मुद्दा भी बना रहे हैं. इसके साथ ही स्थानीय लोग भी कुछ हद तक असंतुष्ट हैं. यहां सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है. यहां कोई इतना बड़ा उद्योग या औद्योगिक इकाई नहीं है जिससे लोगों को रोजगार आसानी से मिल सके. इसके अलावा बरसात के पानी का जमाव, बिस्मार रोड, नए बस स्टैंड का अधूरा काम, गंदगी, आवारा पशुओं व यातायात की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.
बात अगर पिछले चुनाव के परिणाम की करें तो नडियाद सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. यहां बीजेपी के पंकज भाई देसाई ने कांग्रेस के सूर्यकांत पटेल को करीब 20 हजार वोटों से हराया था. साल 1998 में पंकज देसाई ने जीत का जो रथ यहां से चलाया था, वो चलता ही जा रहा है. साल 2012 में पंकज देसाई को 75 हजार 335 वोट मिले थे, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़े कांग्रेस उम्मीदवार सूर्यकांत पटेल को 68 हजार 748 मत मिले थे. 2007 में पंकज देसाई ने कांग्रेस सुरेंद्र देसाई को मात दी थी.