scorecardresearch
 

गुजरात चुनाव 2022: खेरालु सीट पर हो सकता है दिलचस्प मुकाबला, जानिए क्या है वजह और सियासी समीकरण!

Gujarat Vidhansabha Election 2022: साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में खेरालु सीट से बीजेपी के डाभी भरतजी शंकरजी जीते थे. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार देसाई मुकेश कुमार मोघजीभाई को 21 हजार 415 वोटों से शिकस्त दी थी. खेरालु सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ठाकोर रामजीभाई सोनाजी तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें चुनाव में 38 हजार 254 वोट हासिल हुए थे. वहीं बीजेपी के डाभी भरतजी शंकरजी को 59 हजार 847 वोट मिले थे.

Advertisement
X
गुजरात विधानसभा चुनाव, सांकेतिक तस्वीर
गुजरात विधानसभा चुनाव, सांकेतिक तस्वीर

गुजरात में मेहसाणा जिले की खेरालु विधानसभा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसकी वजह ये है कि पिछली बार हार के बावजूद निर्दलीय उम्मीदवार ने अच्छा चुनाव लड़ा था. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को तीसरा स्थान मिला था. आइए अब आपको बताते हैं इस सीट के सियासी समीकरण के बारे में अहम बातें.

Advertisement

साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में खेरालु सीट से बीजेपी के डाभी भरतजी शंकरजी जीते थे. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार देसाई मुकेश कुमार मोघजीभाई को 21 हजार 415 वोटों से शिकस्त दी थी. खेरालु सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ठाकोर रामजीभाई सोनाजी तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें चुनाव में 38 हजार 254 वोट हासिल हुए थे. वहीं बीजेपी के डाभी भरतजी शंकरजी को 59 हजार 847 वोट मिले थे.

खेरालु निर्वाचन क्षेत्र की बात करें तो यहां क्षत्रिय ठाकोर मतदाताओं का दबदबा है. ओबीसी समुदाय के दबदबे वाली इस सीट की एक और खास बात यह है कि इस सीट पर सालों तक शंकरजी ठाकोर परिवार का राज रहा है. इस परिवार ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों में विधायक का पद जीता है.

यह सीट गुजरात राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से है. इस सीट का सबसे दिलचस्प इतिहास यह है कि इसमें शंकरजी ओखाजी परिवार का दबदबा है. एक भी चुनाव ऐसा नहीं है जब इस परिवार के नेता ने चुनाव ना लड़ा हो. शंकरजी ओखाजी ने 1967 के विधानसभा चुनाव को छोड़कर 2002 के विधानसभा चुनाव में लगातार चुनाव लड़ा. साल 2007 से उनके बेटे भरतजी शंकरजी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले 5 चुनावों जिसमें एक उपचुनाव भी शामिल हैं, उसमें बीजेपी जीती है. 

Advertisement

बात करें इस विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं की तो खेरालु में किसानों के लिए पानी की समस्या सबसे बड़ी है. खेरालु तालुक के लगभग 30 गांवों के किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पानी नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगाकर किसानों ने आक्रोश जताया है. खेरालु तालुका के 30 गांवों के किसानों ने सिंचाई के पानी के मुद्दे पर किसी भी नेता को अपने गांवों में प्रवेश से रोकने का फैसला किया है.

 

Advertisement
Advertisement