विधानसभा चुनावों के चलते गुजरात का सियासी पारा हाई है. आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में जिसकी गुजरात या देश में ही नहीं बल्कि विश्व में पहचान है. यह है नांदोड विधानसभा सीट और इसकी पहचान की वजह है सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी. नांदोड विधानसभा सीट नर्मदा जिले में पड़ती है. यहां आदिवासी समुदाय के लोग अधिक संख्या में हैं. अभी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
क्या है मतदाता समीकरण
इस क्षेत्र में 2 लाख 34 हजार 242 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 19 हजार 349 पुरुष और 1 लाख 14 हजार 892 महिला मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में तडवी, वसावा, भील मतदाता ज्यादा हैं. इनकी संख्या 1 लाख 46 हजार से अधिक है. जबकि ब्राह्मण, पाटीदार और अन्य की संख्या 32 हजार के करीब है. लघुमति समाज के मतदाताओं की संख्या 15 हजार के करीब है. इस सीट पर आदिवासी और लघुमति मतदाता हार-जीत का निर्णय करते हैं. मतदाता समीकरण को देखते हुए हर पार्टी इस सीट पर तड़वी या वसावा समाज का उम्मीदार उतारती है.
इस क्षेत्र के लोगों की समस्याएं
आदिवासी समुदाय अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है. उनका इलाका स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास होने की वजह से समुदाय के लोगों के मन में आशंका बनी रहती है कि विकास कार्यों के चलते उनको अपनी जमीन से हाथ ना धोना पड़ जाए. लेकिन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इस समाज के लिए किसी वरदान से भी कम नहीं साबित हुई है. इसके बनने से लोगों को रोजगार भी मिला है.
क्या हैं सियासी समीकरण
साल 2012 में बीजेपी तो साल 2017 में यह सीट कांग्रेस ने हासिल की. यहां बीटीपी भी काफी सक्रीय है. आदिवासी बीटीपी को काफी महत्व देते हैं. कई बार तो बीटीपी की वजह से कांग्रेस के वोटर बंट जाते है. जिसका बीजेपी को फायदा भी मिलता रहा है. इस बार इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. जो मूल रूप से बीटीपी का ही था, लेकिन हाल ही में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गया. इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी इस बार काफी जोर लगा रही है. उधर, कांग्रेस अपनी सीट बचाने का प्रयास कर रही है. आगामी चुनाव में इस सीट पर मुकाबला काफी टक्कर का हो सकता है.
पिछले चुनाव का परिणाम
कांग्रेस: प्रेमसिंह वसावा को 81 हजार 849 वोट मिले
बीजेपी: शब्द शरण तडवी को 75 हजार 520 वोट मिले