आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में वलसाड जिले में पारडी विधानसभा सीट का काफी महत्व है. इस सीट पर 2 लाख 59 हजार 267 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 36 हजार 738 पुरुष और 1 लाख 22 हजार 524 महिला मतदाता हैं. पारडी में डोंगर, आम, चीकू, गन्ना और साग जैसी फसलें उगाई जाती हैं. बीते सालों में इस क्षेत्र में काफी औद्योगिक विकास हुआ है.
बात अगर मतदाता समीकरण की करें तो इस सीट पर माघीमार समुदाय का दबदबा है. इसके साथ ही किसी भी पार्टी की हार इस क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के वोटरों पर निर्भर करती है. इस क्षेत्र में मतों का ध्रुवीकरण भी संभव है. इस सीट पर कोली पटेल, घोडिया पटेल का भी काफी प्रभाव है.
इस सीट पर पिछले 6 चुनावों में कांग्रेस सिर्फ एक बार जीती है. बाकी 5 चुनाव बीजेपी ने जीते हैं. साल 2017 में पारडी विधानसभा सीट से बीजेपी के कनुभाई मोहनलाल देसाई ने शानदार जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार भरतभाई मोहनभाई पटेल को हराया था.
यहां से बहुजन समाज पार्टी से गिरीश भाई जीवनभाई परमार और आम आदमी पार्टी से डॉक्टर राजीव शंभूनाथ पांडे भी मैदान में थे. 2007 तक ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी. इस सीट की खास बात ये है कि हर चुनाव में यहां से नए नेता को विधायक चुना गया है. मतलब कोई भी विधायक यहां से लगातार दूसरी बार चुनकर नहीं आया है.
1995 में यहां से बीजेपी के डॉक्टर के सी पटेल, 1998 में बीजेपी के ही चंद्रवदन पटेल, 2002 में कांग्रेस के लक्ष्मणभाई बाबूभाई पटेल, 2007 में बीजेपी की ऊषाबेन गिरीश कुमार पटेल विधायक चुनी गईं. 2012 में ये सीट सामान्य घोषित हुई और यहां से बीजेपी के ही कनुभाई मोहनलाल देसाई विधायक चुने गए. बात अगर यहां के लोगों की समस्या की करें तो वो पीने के पानी की है. इसके लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.