केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है. लेकिन, जब बीजेपी को पूरे देश में कहीं पर भी जनादेश नहीं था, तब बीजेपी ने महेसाणा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. महेसाणा को बीजेपी की राजनीतिक लेबोरेटरी माना जाता है. जहां से बीजेपी के दिग्गज नेता आते हैं. जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, शंकर सिंह वाधेला, पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री नितिन पटेल जैसे कई सिनियर नेता हैं.
महेसाणा से ही पाटीदार आरक्षण आंदोलन की शुरुआत करते हुए हार्दिक पटेल ने हुंकार भरी थी और आंदोलन के दौरान आंदोलन का एपी सेंटर रहा था. इस बार महेसाणा की सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के नाम को लेकर काफी चर्चा चल रही हैं. महेसाणा की ये सीट 1990 से बीजेपी के कब्जे में है. इस सीट कि दिलचस्प बात यह है कि 58 साल पहले यहां पर 1962 में पहली बार विधानसभा का चुनाव हुआ था. जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महिला उम्मीदवार शांताबेन पटेल ने चुनाव जीता था. 1990 में महेसाणा विधानसभा सीट पर पाटीदार समाज की वजह से बीजेपी के खोडाभाई पटेल चुनाव जीते थे. वर्ष 2002 और 2007 में अनिल पटेल को बीजेपी ने टिकट दी थी, जो यहां से विजय हुए थे.
महेसाण क्षेत्र में पिछले दो टर्म 2012 और 2017 के चुनाव में बीजेपी से नितिन पटेल चुनावी मैदान में उतरे थे. पाटीदार आंदोलन से बदले हुए राजनीतिक और सामाजिक समीकरण के बीच भी उन्होंने बीजेपी की जीत का सिलसिला चालू रखा. अब देखना है कि क्या नितिन पटेल को बीजेपी फिर से चुनावी मैदान में उतारेगी या किसी और को मौका दिया जाएगा.
मतदाताओं के आंकड़े
अगर महेसाणा विधानसभा सीट पर जाति आधारित मतदाताओं के आंकड़े देखे तो पाटीदार 22.6 प्रतिशत है. जबकी ठाकोर 15.8, सवर्ण 12.9 और क्षत्रिय 2.3 प्रतिशत के साथ साथ ओबीसी वोटर 14.2 , मुस्लिम 5.6 और दलित 11.7 प्रतिशत वोटर हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा असर पाटीदार और सवर्ण को मिलने पर राजनीतिक गणीत बनता है. इस सीट पर टोटल वोटर 2,16,149 है. इनमें 112,658 पुरुष और 103,497 महिला मतदाता है.