प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (28 मई) गुजरात के दौरे पर हैं. राजकोट के अटकोट में वो नवनिर्मित मातुश्री केडीपी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का शुभारंभ करेंगे. अस्पताल के उद्घाटन के बाद पीएम यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे. नरेंद्र मोदी का ये दौरा सौराष्ट्र की राजनीति के लिए खास माना जा रहा है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां बड़ा झटका लगा था.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन की वजह से बीजेपी को 100 का आंकड़ा छूना भी भारी पड़ गया था. चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र में ही देखने को मिला था. ऐसे में आज प्रधानमंत्री यहां पर पाटीदारों को अपने संबोधन के दौरान क्या संदेश देंगे, ये देखना दिलचस्प होगा.
मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी आज (28 मई) राजकोट के जसदान तालुका में अटकोट गांव में 40 करोड़ की लागत से बने 200 बेड वाले मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की सौगात देने जा रहे हैं. इसके बाद एक जनसभा में वो पाटीदारों को भी संबोधित करेंगे. पाटीदार नेता परेश गजेरा कहना है कि प्रधानमंत्री की इस रैली में 3 लाख से भी ज्यादा पाटीदार हिस्सा लेंगें.
क्यों चर्चा में है पीएम मोदी का कार्यक्रम?
पीएम मोदी का ये पूरा कार्यक्रम इसलिए भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इस कार्यक्रम की शुरुआत में जब इसका न्यौता दिया गया तो पाटीदार सामाजिक अग्रणी नरेश पटेल का नाम नहीं था. इसके अलावा खोडलधाम संस्थान लेउवा पटेल की कुलदेवी के मंदिर के अध्यक्ष का भी न्यौते में नाम नहीं था. जब इस पर विवाद शुरू हुआ तो खुद बीजेपी के उपाध्यक्ष भरत बोधरा ने कहा था कि वो नया कार्ड छपवाएंगे, जिसमें इनका नाम होगा. लेकिन नरेश पटेल का नाम फिर भी गायब रहा.
वहीं, खोडलधाम संस्थान के दूसरे बड़े पाटीदार नेता परेश गजेरा को बीजेपी ने इस पूरे कार्यक्रम में काफी महत्व दिया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नरेश पटेल का कांग्रेस की तरफ झुकाव इसका एक कारण हो सकता है, इसलिए बीजेपी परेश गजेरा को तरजीह दे रही है. परेश गजेरा सौराष्ट्र के जाने-माने बिल्डर हैं. उनका कद बढ़ाकर बीजेपी पाटीदारों में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है ताकि वोटों का खेल खराब ना हो. बीजेपी की सोच ये भी है कि अगर नरेश पटेल कांग्रेस में जाने का फैसला करते भी हैं तो परेश गजेरा के जरिए पाटीदार वोटरों को रोका जा सके.
नरेश पटेल पर कांग्रेस की नजर
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हार्दिक पटेल के इस्तीफा के बाद अब कांग्रेस की नजर नरेश पटेल पर टिक गई हैं. कांग्रेस वरिष्ठ नेता लगातार उनके संपर्क में हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि गुजरात की सत्ता पर अगर काबिज होना है तो पाटीदार वोट बैंक अपने साथ करना होगा, इसलिए कांग्रेस हार्दिक पटेल का साथ छूटते ही नरेश पटेल की तरफ उम्मीद से रही है. नरेश पटेल पाटीदार समाज के चर्चित चेहरा हैं. वह धार्मिक संस्था खोडलधाम के चेयरमैन भी हैं.
सौराष्ट्र में पाटीदारों का वर्चस्व
सौराष्ट्र की 54 सीटों पर 2017 के चुनाव में बीजेपी को यहां पर कांग्रेस से जबरदस्त टक्कर मिली थी. पाटीदार आंदोलन की वजह से कांग्रेस ने सौराष्ट्र में 55% सीटें यानी 30 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 33% सीटें यानी 23 सीटें जीती थीं. बता दें कि साल 2015 में पाटीदार आंदोलन के दौरान 14 पाटीदार युवकों की मौत हो गई थी. पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण कोटे में शामिल करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पर दबाव बढ़ गया था. पाटीदारों की नाराजगी का खामियाजा भी बीजेपी को 2017 विधानसभा चुनाव भुगतना पड़ा था.