विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही गुजरात की राजनीति में हलचल बढ़ गई है. राज्य की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले पाटीदार समाज में हलचल महसूस की जा रही है. शुक्रवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने बागी रुख दिखाए तो आज एक दूसरे पाटीदार नेता नरेश पटेल कांग्रेस के साथ नजदीकी बढ़ाते नजर आ रहे हैं.
खबर है कि नरेश पटेल आज कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और वेणुगोपाल के साथ मीटिंग कर सकते हैं. अंदाजा ये लगाया जा रहा है कि नरेश पटेल कांग्रेस के साथ जुड सकते हैं. नरेश पटेल आखिर हैं कौन और उनका गुजरात में राजनैतिक महत्व कितना है, जानिए.
लेउवा पटेल और कडवा पटेल क्या है
गुजरात में पाटीदारों में भी दो समुदाय है, जिसमें लेउवा पटेल और कडवा पटेल हैं. लेउवा पटेल की बस्ती पाटीदार समुदाय में 60 प्रतिशत है, जबकी कडवा पाटीदार 40 प्रतिशत हैं. पिछले चुनाव में 63 प्रतिशत लेउवा पाटीदार और 82 प्रतिशत कडवा पाटीदार ने भाजपा को वोट दिया था. दोनों ही समुदाय में नरेश पटेल काफी लोकप्रिय हैं. दरअसल पाटीदारों में भी ये कहा जाता हे कि अगर नेता कडवा पटेल होता है उसे लेउवा पटेल कम पंसद करते हैं लेकिन अगर लेउवा पटेल होता है तो उसे काफी पंसद किया जाता है. नरेश पटेल पाटीदार समुदाय और उसमें भी लेउवा पाटीदार समुदाय से आने वाले पाटीदारों के उत्थान के लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ जुडे हुए हैं. नरेश पटेल लेउवा पाटीदार समुदाय की कुलदेवी खोडलधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं और कहा जाता है कि पाटीदार समुदाय में खोडलधाम से जो कहा जाता है उसी पार्टी को वोट डाला जाता है. इसी खोडलधाम से न सिर्फ पाटीदार बल्कि सौराष्ट्र के कोली समुदाय की भी श्रद्धा जुड़ी हुई है.
नरेश पटेल सौराष्ट्र में एक व्यापारी हैं, उनकी कंपनी का नाम पटेल ब्रास है. जो कि राजकोट में ऑटो पार्टस् बनाती है. कंपनी ऑटोमोबाइल से लेकर एयरक्राफ्ट के पार्टस बनाती है. इस कंपनी को उनके पिता रविजीभाई ने 1948 में शुरू किया था. नरेश पटेल का बेटा शिवराज इन दिनों पिता का व्यापार संभाल रहा है. नरेश पटेल का असर सौराष्ट्र के साथ साथ 11 दूसरे जिले में होता है.
रैली कर समाज के लोगों की राय जान रहे
दरअसल, सौराष्ट्र में लेउवा पाटीदारों की कुलदेवी का मंदिर खोडलधाम के अध्यक्ष नरेश पटेल ने बार-बार ये बयान दिया कि अगर समाज के लोग चाहेंगे तो वे राजनीति में जरूर आएंगे. हालांकि, इसके पहले वो गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में अलग अलग रैली कर समाज के लोगों से पूछ रहे हैं कि उन्हें राजनीति में आना चाहिए या नहीं. 2022 के चुनाव से पहले अगर नरेश पटेल कांग्रेस को पसंद करेंगे तो साफ है कि पाटीदारों का झुकाव उस पार्टी की और रहेगा.
इस बार कांग्रेस को नरेश पटेल से काफी उम्मीद है. क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम के साथ पाटीदार इस KHAM थियरी से माधवसिंह सोलंकी ने कांग्रेस को 148 सीट दिलायी थी. इस बार KHAM थियरी यानी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लीम और पाटीदार के जरिए कांग्रेस गुजरात में जीत की उम्मीद लगाए है.
हार्दिक पटेल बीजेपी से जुड़ सकते हैं
बता दें कि 2017 के चुनाव में पाटीदार बीजेपी से नाराज़ थे, वैसे में बीजेपी 100 का आंकड़ा तक पार नहीं कर पायी थी. वैसे में इस बार अगर कांग्रेस को पाटीदार का साथ मिलता है तो कांग्रेस को खुद की जीत का पक्का भरोसा है. लेकिन इस बार पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकते हैं. हार्दिक पटेल पहले ही कांग्रेस में अपनी नाराजगी जता चुके हैं और बीजेपी की तारीफ कर चुके हैं. वैसे में माना जाता है की हार्दिक पटेल बीजेपी से जुड़ सकते हैं.
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