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गुजरात चुनाव: शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह की कांग्रेस में वापसी, बोले- बीजेपी में नहीं लगता था...

गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का कभी भी ऐलान हो सकता है. सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ प्रचार में जुटे हुए हैं. इस बीच प्रदेश के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए. माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम से बीजेपी को नुकसान हो सकता है.

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शंकर सिंह वाघेला के बेटे हैं महेंद्र सिंह
शंकर सिंह वाघेला के बेटे हैं महेंद्र सिंह

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह वाघेला शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इसके बाद महेंद्र सिंह से बीजेपी छोड़ने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि बीजेपी में उनका मन नहीं लगता था. वह किसी भी नेता से नहीं मिलते थे, न ही किसी भी रैली में जाते थे क्योंकि वहां पर उनकी सोच अलग पड़ जाती थी.

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वहीं विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो चुनाव लड़ेंगे, नहीं तो संगठन के लिए काम करेंगे. महेंद्र सिंह पहले कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. महेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर 2012 में बयाड से चुनाव जीते थे. 2017 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी. हालांकि जल्द ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. महेंद्र सिंह के पार्टी में लौटाने के मौके पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख जगदीश ठाकोर और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा मौजूद रहे.

पिता से पूछकर ही ज्वॉइन की है कांग्रेस

गुजरात के दिग्गज नेता कहे जाने वाले शंकर सिंह वाघेला ने अपनी खुद की ही पार्टी प्रजा जनशक्ति पार्टी हाल ही में लॉन्च की है, जिसके मेनिफेस्टो के तहत शंकर सिंह वाघेला गुजरात में शराबबंदी हटाने की बात कर रहे हैं. वैसे मैं उनके बेटे महेंद्र सिंह के कांग्रेस ज्वॉइन करने को लेकर जब उन्हें पूछा गया तो महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने पिता की हामी के बाद ही कांग्रेस ज्वॉइन की है.

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आयोग जल्द घोषित कर सकता है चुनाव तारीखें

गुजरात सरकार के सूत्रों ने पिछले दिनों बताया था कि 1 या 2 नवंबर को चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. वहीं पिछले दिनों खबर आई थी कि चुनाव आयोग दिवाली के बाद शेड्यूल जारी करेगा, क्योंकि गुजरात सरकार की तरफ से चुनाव से जुड़े रहने वाले प्रशासनिक अधिकारियों  DM, SP, SSP के तबादले का काम ही पूरा नहीं किया गया था. इस संबंध में आयोग ने गुजरात सरकार को फटकार भी लगाई थी.

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