चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टी में उथल-पुथल होना आम बात है. जिसमें सत्ता पक्ष के विधायक विपक्ष या विपक्ष के विधायक सत्ता पक्ष में शामिल होते रहते हैं. ऐसा ही गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले देखा जा रहा है. अभी तक कांग्रेस के 12 विधायक बीजेपी में जा चुके हैं. वहीं, कई और नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने की चर्चा है. जिसमें एक नाम चोटिला के विधायक रुतविज मकवाणा का भी नाम शामिल है. लेकिन, हाल ही में कांग्रेस ने वर्किंग प्रेसिडेंट के नाम घोषित किए गए हैं. जिसमें रुतविज मकवाणा का नाम शामिल किया गया है.
चोटिला विधानसभा सीट सुरेंद्रनगर जिले के अंतर्गत आती है. सुरेंद्रनगर जिले में पांच सीट हैं. जिसमें चोटिला के अलावा वढवाण, लिमडी, धांगध्रा और दसाडा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस जिले में सिर्फ एक सीट मिली थी. वो भी वढवाण विधानसभा सीट पर. लेकिन कांग्रेस के उपचुनाव में बीजेपी को सुरेंद्रनगर जिले से 6 में से 3 सीट मिली.
चोटिला श्रद्धा का केंद्र
चोटिला विधानसभा के अंतर्गत चोटिला पहाड़ पर मां चामुंडा का मंदिर है. जिसमें लोगों की अटूट श्रद्धा है. जिसके चलते यहां सालाना लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. पहाड़ पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए इसी साल गुजरात सरकार ने डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत रोप-वे शुरू करने की मंजूरी दी है. लेकिन इसको लेकर चोटीला ट्रस्ट ने गुजरात हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया है.
ट्रस्ट का कहना है कि सरकार ने उसी पूराने कॉन्ट्रैक्टर को काम दिया है. जिसे पहले कैंसिल कर दिया गया था. वहीं, राष्ट्रीय शायर झवेरचंद मेधाणी का ये जन्मस्थली भी है. यहां पर उनके नाम का स्मारक और म्यूजियम भी बनाया गया हैं.
चोटिला विधानसभा पर पहली चुनाव 1962 में हुआ था. 2017 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के विधायक ऋत्विक मकवाणा ने जीत हासिल की थी. जिनको 79,960 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी ने उनके सामने झीणाभाई को टिकट दिया था. जिन्हे 56,073 वोट मिले थे. जबकि 2012 में इस सीट पर बीजेपी से शामजीभाई चौहाण विधायक थे. चोटिला की इस सीट पर कोली समाज का दबदबा है. देखना बेहद दिलचस्प होगा कि 2022 के चुनाव में कांग्रेस अपनी जीत को बरकरार रख पाते हैं या नहीं.