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हरियाणा चुनाव: न्याय योजना को कांग्रेस मेनिफेस्टो में शामिल करने की तैयारी

न्याय स्कीम के तहत हर गरीब परिवार की मासिक कमाई 12 हजार रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्‍य है, लेकिन न्‍यूनतम आय 12 हजार रुपये को पार कर जाती है तो इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

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न्याय योजना के जरिए नैया पार लगाएगी कांग्रेस (फोटो-PTI)
न्याय योजना के जरिए नैया पार लगाएगी कांग्रेस (फोटो-PTI)

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  • 11 अक्टूबर को मेनिफेस्टो जारी कर सकती है कांग्रेस
  • लोकसभा चुनाव में वोटरों को नहीं लुभा पाई थी न्याय स्कीम
लोकसभा चुनाव में देश के 20 फीसदी गरीबों को 'न्याय' दिलाने के वादे के साथ कांग्रेस ने न्यूनतम आय सहायता योजना (न्याय) का ऐलान अपने मेनिफेस्टो में किया था. लोकसभा चुनाव में भले कांग्रेस वोटरों को लुभाने में फेल हुई हो लेकिन लगता है कि वह अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'न्याय' को रीबूट करके आने वाले हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी नैया पार लगा सकती है.

सूत्रों की मानें तो बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं में न्याय स्कीम हिट रहने की संभावना है. ऐसे में कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में न्याय योजना को बढ़-चढ़कर पेश कर सकती है. इस स्कीम के तहत हर गरीब परिवार की मासिक कमाई 12 हजार रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्‍य है. लेकिन अगर न्‍यूनतम आय 12 हजार रुपये को पार कर जाती है तो इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

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2019 की चुनावी कैंपेन के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया था कि 'न्याय' के तहत देश के 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपये दिए जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि जाट बनाम गैर-जाट ध्रुवीकरण को रोकने के लिए भी कांग्रेस हरियाणा में अति पिछड़ों के लिए विशेषकर कोई ऐलान कर सकती है. इसके अलावा देश की राजधानी दिल्ली में गरमाई रविदास मंदिर के मसले का जिक्र मेनिफेस्टो में किया जा सकता है. दिलचस्प बात यह है कि इस मसले पर पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ही कोर्ट गए थे.

कांग्रेस पार्टी हरियाणा में अपना मेनिफेस्टो 11 अक्टूबर को चंडीगढ़ में रिलीज कर सकती है. हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. जाहिर है कि मेनिफेस्टो को लेकर गोपनीयता बनाए हुए हैं और नजर विरोधी पार्टी भाजपा पर है.

क्या है न्याय योजना

न्यूनतम आय योजना (NYAY) या मिनिमम इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (MISP) एक ऐसी योजना है जिसके तहत कांग्रेस देश के सबसे गरीब लोगों को आर्थिक न्याय देने का वादा कर रही है. इस स्कीम के तहत गरीबों को हर साल 72,000 रुपये (6 हजार प्रति महीना) दिए जाएंगे और इससे भारत के 20 फीसदी सबसे गरीब लोगों (5 करोड़ परिवारों) को लाभ मिलेगा. 

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