रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को बढ़ावा देने पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को चेतावनी और सुझाव दोनों दिए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पूरी विनम्रता के साथ मैं पाकिस्तान को सुझाव देना चाहता हूं कि उसे अपने सोचने के तौर-तरीके और अपनी सोच की दिशा बदलनी चाहिए, अन्यथा पाक जो पहले दो हिस्सों में बंटा हुआ था, अब कई हिस्सों में बंट जाएगा. राजनाथ सिंह ने हरियाणा के पटौदी में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यह बात कही.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं पाकिस्तान को ईमानदारी से काम करने, आतंकवाद को खत्म करने, भाईचारा बनाए रखने का सुझाव देना चाहता हूं. हम पड़ोसी हैं, हम साथ चलना चाहते हैं. यदि आप (पाकिस्तान) ईमानदारी से आतंकवाद से नहीं लड़ते हैं तो मैं साफ साफ कहता हूं कि भारत में कट्टरपंथी ताकतों से लड़ने की क्षमता है.
Defence Min in Haryana's Sonipat: I'd like to suggest Pakistan to work honestly, eliminate terrorism,maintain brotherhood. We're neighbours, we want to walk together. If you don't fight terrorism honestly, I clearly state that India has the ability to fight fundamentalist forces pic.twitter.com/FwoXLhIzIT
— ANI (@ANI) October 13, 2019
पीएम मोदी भी दे चुके हैं नसीहत
बता दें कि पीएम मोदी भी कई बार पाकिस्तान को इस तरह का सुझाव दे चुके हैं और पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर पाकिस्तान के मामले की समीक्षा बैठक में उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल में रखे गए प्रश्न को संज्ञान में लेना चाहिए. मोदी ने सवाल किया था, "चाहे 9/11 हो या 26/11, इसके साजिशकर्ता किस देश में पाए गए."
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनका संकेत बहुत साफ था. पीएम मोदी ने कहा था कि यह 'विशेष देश' भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने से परेशानी महसूस कर रहा है. सितंबर में ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद थे.
आठ साल बाद भी सवाल कायम
मोदी 9/11 और 26/11 के साजिशकर्ताओं की मौजूदगी का जिक्र कर रहे थे. 9/11 के साजिशकर्ता अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया गया और 26/11 का साजिशकर्ता जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद है. लादेन, अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले का प्रमुख सूत्रधार था, जबकि सईद 26 नवंबर, 2008 के मुबई हमलों का मास्टरमाइंड है.
लादेन को अमेरिका ने 1 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में गुप्त ऑपरेशन में मार गिराया था. सईद पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से घूम रहा है. अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है. ये दो मामले उजागर करते हैं कि पाकिस्तान किस तरह से सभी तरह के आतंकवादियों का शरणगाह बना हुआ है, जो आधिकारिक एजेंसियों के संरक्षण का आनंद ले रहे हैं.
विशेष रूप से लादेन का अमेरिकी विशेष बलों द्वारा पता लगाए जाने व मारे जाने से पहले वह अपने परिवार के साथ तीन मंजिला घर में एबटाबाद में रहता था, जो पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी से 1.5 किमी की दूरी पर था और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 120 किमी दूर था.
लादेन के मारे जाने के आठ साल बाद भी सवाल बना हुआ है कि दुनिया का सबसे वांछित आतंकवादी एबटाबाद कैसे पहुंचा और छह सालों तक बिना पहचान जाहिर किए कैसे वहा बना रहा.
ऐसा माना जाता है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों और सैन्य प्रतिष्ठान की मिलीभगत से वहां रहता था. कुछ रिपोर्टों के अनुसार, घर 2005 में बना और मारे जाने से पहले लादेन वहां छह साल तक रहा.