scorecardresearch
 

हरियाणा: हिसार जिले की सात सीटों पर कांग्रेस-BJP के बीच कांटे की टक्कर

हरियाणा का हिसार जिला एक दौर में बीजेपी के लिए बंजर रहा है लेकिन 2014 के बाद से पार्टी ने अपना जनाधार बढ़ाया है. हिसार जिला में सात विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें से दो पर बीजेपी, तीन पर इनेलो और दो पर कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

Advertisement
X
हिसार
हिसार

Advertisement

  • हिसार जिले में कुल सात विधानसभा सीट
  • चौधरी भजनलाल का मजबूत गढ़ रहा है

हरियाणा का हिसार जिला एक दौर में बीजेपी के लिए बंजर रहा है लेकिन 2014 के बाद से पार्टी ने अपना जनाधार बढ़ाया है. हिसार जिला में सात विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें से दो पर बीजेपी, तीन पर इनेलो और दो पर कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

लोकसभा चुनाव के बाद बदले हुए राजनीतिक समीकरण के चलते बीजेपी हिसार की सातों सीटों पर कमल खिलाने की जुगत में है. जबकि कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई को साथ मिलाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाहती है.

हिसार

हिसार विधानसभा सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक डॉ. कमल गुप्ता को मैदान में एक फिर उतारा है. कमल गुप्ता के खिलाफ कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा को उतारा है. जबकि जेजेपी ने जितेंद्र चौहान, इनेलो ने प्रमोद और बसपा ने मंजू दहिया पर दांव लगाया है. हिसार विधासभा सीट पर कुल 16,4067 मतदाता हैं.

Advertisement

2014 के चुनाव में बीजेपी के डॉ. कमल गुप्ता ने 42285 वोट हासिल कर कांग्रेस की दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल को मात दिया था. हिसार विधानसभा सीट पर 2014 से पहले ओपी जिंदल परिवार का 15 साल तक कब्जा रहा है.

नारनौंद

हिसार जिले की नारनौंद विधानसभा सीट काफी चर्चित है और मौजूदा समय में बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक कैप्टन अभिमन्यु को उतारा है. जबकि कांग्रेस की ओर से बलजीत सिहाग, जेजेपी से पूर्व विधायक राम कुमार गौतम , इनेलो से जसबीर पेट वाड और बसपा से महेन्द्र सिंह चुनाव मैदान में हैं. 2014 के चुनाव में नारनौंद विधानसभा सीट पर बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु ने 53,770 मत ले कर के इनेलो के राज सिंह मोर को मात दिया था.

नलवा

हिसार जिले के तहत आने वाली नलवा विधानसभा सीट पर बीजेपी कभी खाता नहीं खोल सकी है. लेकिन बीजेपी ने इनेलो के मौजूदा विधायक को अपने खेमे में लाकर कमल खिलाने की कवायद में है. इसीलिए बीजेपी ने रणबीर गंगवा को उतारा है. जबकि कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई के करीबी माने जाने वाले रणधीर पनिहार, जेजेपी ने वीरेन्द्र चौधरी, बसपा ने बजरंग, इनेलो ने सतपाल पर दांव लगाया है. बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो के रणबीर गंगवा ने 41950 मत हासिल कर पूर्व सीएम भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन को हराया था.

Advertisement

हांसी

हिसार जिले के तहत आने वाली हांसी विधानसभा सीट पर भी बीजेपी का कमल कभी नहीं खिला है. बीजेपी ने पूर्व विधायक विनोद भयाना को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने ओमप्रकाश पंघाल को और जेजेपी ने राहुल मक्कड़ को मैदान में उतारा है. बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में हांसी सीट से भजनलाल की बहू और कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई ने हरियाणा जनहित कांग्रेस की उम्मीदवार के रूप में 46335 वोट हासिल कर जीत दर्ज किया था. जबकि दूसरे नंबर पर इनेलो के उमेद सिंह लोहान थे.

आदमपुर

हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जाती है. चौधरी भजनलाल परिवार का पिछले 51 सालों से इस क्षेत्र में राजनैतिक दबदबा रहा है. इसीलिए कांग्रेस से कुलदीप बिश्नोई मैदान में उतरे हैं. कुलदीप विश्नोई के खिलाफ बीजेपी ने सेलिब्रेटी सोनाली फौगाट को उतारकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है.

जबकि इनेलो से राजेश गोदारा, जेजेपी से रमेश कुमार और बसपा से सतबीर छिंपा चुनाव मैदान में उतरे हैं. बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में आदमपु सीट पर कुलदीप बिश्नोई ने 56757 वोट हासिल कर जीत दर्ज किया था और दूसरे नंबर पर इनेलो के कुलवीर सिंह बेनीवाल रहे थे.

उकलाना

हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. बीजेपी ने आशा खेदड़ को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने बाला देवी पर भरोसा जताया है. जबकि जेजेपी ने विधायक रहे अनुप धानक और इनेलो ने ललिता टॉक को उतारा है. बता दें कि 2014 के चुनाव में इस सीट पर इनेलो के अनूप धानक ने 58120 पर जीत दर्ज की थी और दूसरे नंबर पर बीजेपी की सीमा गैबीपुर रही थीं.

Advertisement

बरवाला

हिसार जिले की बरवाला विधानसभा सीट ऐसी है, जहां पर बीजेपी अभी तक कमल नहीं खिला सकी है. 2014 में इनेलो से जीते वेदनारंग बीजेपी के ताल ठोक रहे हैं. वेदनारंग के खिलाफ से कांग्रेस ने भूपेंद्र गंगवा को उम्मीदवार बनाया है तो जेजेपी से जोगीराम सिहाग मैदान में है.

वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे हैं. बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बरवाला सीट पर इनेलो के वेदनारंग ने 34,941 वोट हासिल कर विधायक बने थे. जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के सुरेंद्र पुनिया रहे थे, जिन्हें 24,680 वोट मिले थे.

Advertisement
Advertisement