भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव के प्रचार का आरंभ कर दिया है. कैथल से चुनावी हुंकार भरते हुए शाह ने हरियाणा में इस बार 75 से ज्यादा सीटों पर जीत के साथ सरकार की वापसी का दावा किया. जीत के इन दावों के साथ अमित शाह के भाषण में कश्मीर, पुलवामा, बालाकोट और तीन तलाक जैसे राष्ट्रीय मुद्दे छाए रहे. ये वही मुद्दे हैं, जिन्हें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी प्रमुखता से उठा रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस की बात की जाए तो पार्टी खट्टर के कार्यकाल को सबसे आगे रख रही है. यानी खट्टर जहां केंद्र सरकार और मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस खट्टर के काम को अपना प्रमुख एजेंडा बना रही है.
खट्टर ने धारा 370 को बताया सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में आजतक से खास बातचीत में तमाम मसलों पर बात की थी. इस दौरान खट्टर ने बताया था कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म करना ही हरियाणा के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा है. खट्टर के इस एजेंडे को बीजेपी के प्रत्याशी भी पूरी तरह से उठा रहे हैं. आदमपुर से बीजेपी प्रत्याशी और टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट ने भी आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा है कि धारा 370 हटाने का जो काम कांग्रेस की सरकारें 70 सालों में नहीं कर पाई थीं, वो मोदी सरकार ने कर दिखाया है.
यानी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर राज्य के मुखिया मनोहर लाल खट्टर और चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी तक, बीजेपी के तमाम नेता धारा 370 जैसे राष्ट्रीय मसले जनता के बीच उठा रहे हैं.
कांग्रेस की बात की जाए पार्टी खट्टर सरकार के पांच साल के कार्यकाल को प्रमुखता से उठा रही है. कांग्रेस के प्रमुख नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा अपने बयानों में लगातार खट्टर सरकार पर पिछले 5 सालों में किए गए वादे न निभाने का आरोप लगा रहे हैं. हुड्डा का कहना है कि खट्टर सरकार ने किसानों से लेकर नौजवानों तक से जुड़े जो चुनावी वादे किए थे, उन पर वह पूरी तरह फेल रही है और विकास में नंबर वन कहलाने वाला हरियाणा अपराध में नंबर वन बन गया है.
कांग्रेस का 'पहले रिपोर्ट, फिर वोट' कैंपेन
इतना ही नहीं, कांग्रेस ने बाकायदा एक कैंपेन भी शुरू किया है, जिसका नाम 'पहले रिपोर्ट, फिर वोट' है. यह कैंपेन बीजेपी सरकार को घेरने के लिए शुरू किया गया है, जिसके मकसद खट्टर सरकार की विफलताओं को गिनाना और जनता को यह बताना है कि वो सरकार से पूछे उसने क्या काम किए हैं और फिर उसी आधार पर वोट दें.
दोनों पार्टियों के नेताओं के बयानों और कैंपेन से साफ है कि बीजेपी जहां मोदी सरकार के कामों को आगे रखकर जनता के बीच जा रही है, वहीं कांग्रेस राज्य सरकार पर नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए खट्टर के कार्यकाल को फेल बता रही है और चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अब देखना होगा कि 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान में जनता किन मुद्दों को वरीयता देती है.