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हिमाचल कांग्रेस के 7 बागियों पर गिरी गाज, पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता

हिमाचल कांग्रेस के सात बागियों को पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरना भारी पड़ गया है. कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने इन बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

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हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र
हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र

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हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर जारी रस्साकसी के बीच कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. हिमाचल कांग्रेस के सात बागियों को पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरना भारी पड़ गया है. कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने इन बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

प्रदेश पार्टी हाईकमान ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में अधिकृत पार्टी प्रत्याशियों की शिकायत पर यह कड़ी कार्रवाई की है. इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इन बागियों को मनाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन इन्होंने विधानसभा चुनाव से अपना नामांकन वापस नहीं लिया और पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव के मैदान में डटे रहे.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव और हिमाचल प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने इन बागी उम्मीदवारों को पार्टी से निष्कासित करने के निर्देश जारी किए. टिकट न मिलने से बागी हुए हिमाचल कांग्रेस के इन नेताओं में ज्यादातर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी बताए जाते हैं.

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कांग्रेस के जिन बागी नेताओं की प्राथमिक सदस्यता को छह साल के लिये रदद किया गया है, उनमें शिमला शहरी से हरीश जनारथा, नालागढ़ से हरदीप बाब, द्रंग से पूर्ण चंद ठाकुर, रामपुर से सिंघी राम, पालमपुर से बैनी प्रसाद, शाहपुर से विजय सिंह मनकोटिया और लाहौल स्पीति से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे राजेंदर कारपा शामिल हैं.

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