हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सियासी संग्राम खत्म होने को है. 9 नवंबर को यहां वोट डाले जाएंगे जबकि 7 नवंबर यानी कल शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार और रैलियों का शोर यहां थम जाएगा. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस ने पूरी तरह से यहां अपने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को अकेले छोड़ दिया है.
हालत ये है कि गुजरात में रैलियों पर रैलियां कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रचार के अंतिम चरण में यानी आज हिमाचल में रैलियां कर रहे हैं. ये हालत तब है कि जब बीजेपी की ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में अपनी रैलियां कर चुके हैं.
कांग्रेस के इस तरह बैकफुट पर होने की ही वजह से शायद कल पीएम मोदी ने अपनी चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में मैदान छोड़कर भाग चुकी है जिससे वजह से उन्हें चुनाव में मजा नहीं आ रहा है. गौरतलब है कि हिमाचल का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी विजयी रहती है. ये परंपरा कायम रही तो इस बार बीजेपी की जीत तय है. कांग्रेस के स्टार प्रचारकों का इस चुनाव में एक्टिव न होने की वजह क्या ये मानी जाए कि पार्टी वोटिंग से पहले ही हार मान चुकी है.
चुनावी प्रचार में बीजेपी आगे, कांग्रेस पीछे
हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी चुनाव प्रचार में कांग्रेस से आगे नजर आ रही है. बीजेपी के स्टार प्रचारकों की रैली के अलावा अखबार, टीवी सब जगह बीजेपी के विज्ञापन छाए हुए हैं. हिमाचल प्रदेश के लोकल टीवी चैनल से लेकर क्षेत्रीय अखबारों में बीजेपी के विज्ञापन छाए हुए हैं और सड़कों पर बड़े-बड़े बैनर नजर आ रहे हैं. बीजेपी के करीब 70 चुनाव प्रचार वाहन जिस पर बड़े-बड़े टीवी स्क्रीन लगे हुए हैं, विधानसभा क्षेत्रों में दिन-रात घूम रहे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसने पिछले महीने 40 स्टार प्रचारकों की फौज हिमाचल की रणभूमि में उतारने का ऐलान किया था. इसके बावजूद कांग्रेसी स्टार प्रचारक राज्य में नजर नहीं आए.
मोदी का कांग्रेस पर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी हार मान ली है, इसलिए उसके वरिष्ठ नेता राज्य में चुनाव प्रचार से दूर हट गए हैं और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को उनकी तकदीर के हवाले छोड़ दिया गया है. पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और उसकी तुलना दीमक से की.
रविवार को नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के ऊना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार मजा नहीं आ रहा है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी मैदान छोड़कर भाग चुकी है. कांग्रेस की चुटकी लेते हुए पीएम ने कहा, 'मीडिया में भी बीजेपी के बारे में ही लिखा जा रहा है,... अरे भाई कांग्रेस के नेता आते, धूमल नहीं तो मोदी पर ही हमला करते पर इस बार कुछ नहीं दिख रहा है. यह चुनाव पूरी तरह एकतरफा हो चुका है.'
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की 68 सीटों में से कांग्रेस को 36, बीजेपी को 26 तो अन्य को 6 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को 2007 की तुलना में 2012 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटों का फायदा हुआ था, वहीं बीजेपी को 2007 की तुलना में 2012 में 16 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था.
2012 विधानसभा चुनाव में मिले वोटों पर नजर डालें तो कांग्रेस को 43 फीसदी और बीजेपी को 39 फीसदी वोट मिले थे. 2007 की तुलना में कांग्रेस का वोट 5 फीसदी बढ़ा जबकि बीजेपी को 5 फीसदी वोट का नुकसान उठाना पड़ा. बीजेपी महज 4 फीसदी वोटों से कांग्रेस से पीछे रही लेकिन कांग्रेस की तुलना में उसे 10 सीटें कम मिलीं.