scorecardresearch
 

हिमाचल अपनी परंपरा को रखा बरकरार, वीरभद्र पर लगे आरोप कांग्रेस को ले डूबे

इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक ये बात साफ नजर आ रही है कि हिमाचल की सत्ता में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी दिखाई दे रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक देखा जाए तो कांग्रेस को हिमाचल में बड़ा झटका लगा है.

Advertisement
X
प्रेम सिंह धूमल और वीरभद्र सिंह
प्रेम सिंह धूमल और वीरभद्र सिंह

Advertisement

हिमाचल विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी वाली जीत का परंपरा को बरकरार रखा है. एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस के हाथों से राज्य की सत्ता खिसकती हुई नजर आ रही है. बीजेपी दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में फिर एक बार वापसी की राह बनी है.

इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक ये बात साफ नजर आ रही है कि हिमाचल की सत्ता में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी दिखाई दे रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक देखा जाए तो कांग्रेस को हिमाचल में बड़ा झटका लगा है.

हिमाचल में के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे आरोप कांग्रेस को ले डूबा है. वीरभद्र सिंह पर कांग्रेस की सरकार में मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थी. इस मामले में सीबीआई जांच कर रहा है. ईडी ने उनके फार्म हाउस पर छापा मारा था.  

Advertisement

एग्जिट पोल के मुताबिक हिमाचल की 68 सीटों में से बीजेपी को 47 से 55 सीटें मिलती हुए नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस को 13 से 20 सीट मिली हुए दिखाई दे रही हैं और 2 सीटें अन्य को.

बता दें कि हिमाचल में 1985 से लेकर अभी तक जितने विधानसभा चुनाव हुए हैं.  हिमाचल में हर पांच साल में सत्ता बदलती रही है. ये सिलसिला 1998 मे जारी है. 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. इसके बाद जब 2003 में विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी को कांग्रेस ने शिकस्त देते हुए सत्ता में वापसी की. इसी तरह 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा और बीजेपी की वापसी हुई.

हिमाचल ने 2012 में फिर अपने इतिहास को दोहराया और कांग्रेस की वापसी हुई और बीजेपी सत्ता से आउट हो गई. इस राजनीतिक परंपरा को देखा जाए तो बीजेपी इस बार अपनी जीत आश्वस्त मानकर चल रही है. दूसरी ओर कांग्रेस जिस अंतर्कलह से जूझ रही है और वीरभद्र सिंह जिस तरह के आरोपों में फंसे हैं उसे देखते हुए पार्टी को अपनी सत्ता बचाने के लिए किसी चमत्कार की ही उम्मीद रखनी होगी.

Advertisement

बता दें कि हिमाचल विधानसभा का गठन 1962 में हुआ. इससे पहले हिमाचल पंजाब का हिस्सा हुआ करता था. हिमाचल में 12 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है. इनमें से 8 बार कांग्रेस, 3 बार बीजेपी और 1 बार जनता पार्टी सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई है.

Advertisement
Advertisement