केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ट्रैफिक नियमों का कितना सम्मान करते हैं, इसका परिचय उन्होंने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में दिया. उन्हें कुल्लू जिले के एक दुर्गम क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करना था. संकरा रास्ता होने की वजह से वहां मोटरसाइकिल पर पीछे बैठ कर ही पहुंचा जा सकता था. मोटरसाइकिल सवार के पास तो हेलमेट था लेकिन गडकरी के लिए दूसरा हेलमेट नहीं था. ये जानकर गडकरी ने बिना हेलमेट मोटरसाइकिल पर बैठने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसके बजाय वे पैदल ही चलना पसंद करेंगे.
हिमाचल प्रदेश में मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ने लगा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करना था. गडकरी को सभा-स्थल तक ले जाने के लिए मोटरसाइकिल के साथ उनका एक 'सारथी' तैयार था. मोटरसाइकिल चालक ने हेलमेट पहन रखा था. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जब गडकरी से मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने के लिए कहा तो उन्होंने पूछा कि उनका हेलमेट कहां है. गडकरी ने कहा कि अगर दूसरा हेलमेट नहीं है तो वो चुनावी सभा तक पैदल ही चल देंगे लेकिन बिना हेलमेट मोटरसाइकिल पर नहीं बैठेंगे, अब इसमें चाहे जितना वक्त लगे या जितनी भी मुश्किल आए.
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग का महकमा नितिन गडकरी के पास ही है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के बार-बार अनुरोध करने पर भी गडकरी बिना हेलमेट मोटरसाइकिल पर बैठने को तैयार नहीं हुए.
गडकरी ने पैदल ही चलना शुरू कर दिया. उनको चलने में थोड़ी तकलीफ भी थी लेकिन वो यही कहते रहे कि हेलमेट बिना मोटरसाइकिल पर नहीं बैठेंगे. गडकरी का कहना था कि वे कानून का सम्मान करते हैं और इसी विभाग के मंत्री होने की वजह से उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है.
इसके बाद गडकरी के लिए हेलमेट की ढूंढ शुरू हुई. आसपास के घरों में पूछा गया, दुकानदारों से पूछा गया तब जाकर कहीं गडकरी के लिए हेलमेट की व्यवस्था हो सकी. हेलमेट पहने के बाद ही गडकरी ने मोटरसाइकिल के पीछे बैठ कर चुनावी सभा की ओर कूच किया.