हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक तेज हो गई है. टिकट बंटवारे के बाद बागी हुए 4 पूर्व विधायकों समेत भारतीय जनता पार्टी ने अपने 5 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके अलावा पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष की भी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई है. इन सभी पर 6 साल तक पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने की रोक रहेगी. जिन नेताओं का सस्पेंशन हुआ है, वे सभी BJP के प्रत्याशियों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
जिन पांच नेताओं पर एक्शन लिया गया है. उनमें किन्नौर के पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी, आनी के पूर्व विधायक किशोरी लाल, इंदौरा के पूर्व विधायक मनोहर धीमान, नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर और फतेहपुर से आने वाले पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल हैं.
BJP ने बकायदा लेटर जारी करके सभी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का ऐलान किया है. जारी पत्र में लिखा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की प्रथामिक सदस्यता को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
टिकट कटने पर छलका था पूर्व सांसद का दर्द
हाल ही में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने ही पूर्व सांसद का दर्द छलक पड़ा था. पूर्व सांसद राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने ही रो पड़े थे. दरअसल, कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी महेश्वर सिंह एक जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक हो गए थे. वह कुल्लू के प्रदर्शनी मैदान में आयोजित विजय संकल्प रैली के दौरान रो पड़े.
नामांकन के आखिरी दिन कट गया था टिकट
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें बीजेपी की ओर से कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया था, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने उनकी जगह कुल्लू से किसी दूसरे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतार दिया.