हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. नामांकन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है और कैंडिडेट के लिस्ट का इंतजार हो रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही उम्मीदवारों के नामों को लेकर असमंजस में है. कांग्रेस टिकटों के नाम फाइनल करने के बाद भी लिस्ट जारी नहीं कर सकी तो बीजेपी कई घंटों तक मंथन करने के बाद भी उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगा सकी. दोनों ही दलों को दल बदल का डर सता रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे की टिकटों की लिस्ट सामने आने का इंतजार कर रही हैं.
कांग्रेस की अभी तक नहीं आई लिस्ट
हिमाचल में बीजेपी अपनी सत्ता को बचाए रखने की कोशिश में है तो कांग्रेस वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है. इस बीच दोनों ही पार्टियों में टिकटों को लेकर शिमले से दिल्ली तक घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस 57 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लेने के बाद भी लिस्ट जारी नहीं कर पाई. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपने समर्थक नेताओं के साथ दिल्ली में डटी हुई हैं. इसके अलावा हिमाचल के कई बड़े नेता भी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. कांग्रेस को युवा नेता भी टिकट के लिए दबाव बनाए हुए हैं.
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करने से पहले कांग्रेस हाईकमान ने वरिष्ठ नेताओं की तीन सदस्यीय एक कमेटी बनाई है. दीपा दास मुंशी, मुकुल वासनिक और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला की अगुवाई में यह कमेटी गठित की है ताकि जिन सीटों पर ज्यादा विवाद होने के आसार हैं, उन सीटों पर तीन सदस्यीय कमेटी गहराई से आंकलन करने के बाद ही उम्मीदवार का नाम हाईकमान को सौंपेगी. कांग्रेस अपने मौजूदा सभी विधायकों पर एक बार फिर से दांव लगाने की तैयारी में है.
बीजेपी में भी टिकट के लिए घमासन
वहीं, हिमाचल प्रदेश में टिकट बंटवारे पर मंथन के लिए सोमवार सुबह दिल्ली के हरियाणा भवन में बीजेपी इलेक्शन कमेटी की मीटिंग 10 घंटे तक चली, लेकिन उम्मीदवारों के नाम पर फाइनल मुहर नहीं लग सकी. बैठक के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि किन-किन सीटों पर सहमति बन गई और कहां अभी भी पेंच फंसा हुआ है. बीजेपी इलेक्शन कमेटी की मीटिंग में उम्मीदवारों पर मुहर न लगने की वजह से पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग टाल दी गई थी, जो अब मंगलवार को होगी. पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड कैंडिडेट के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी.
टिकटों को लेकर दिल्ली में मंथन
हिमाचल में बीजेपी उम्मीदवारों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनाव प्रभारी सौदान सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, इलेक्शन सह प्रभारी देवेंद्र सिंह राणा, चुनाव प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, सतपाल सत्ती, त्रिलोक कपूर,राकेश जमवाल, त्रिलोक जमवाल, राज्य संगठन सचिव पवन राणा शामिल रहे. बीजेपी टिकट बंटवारे को लेकर इस बार कशमकश में फंसी हुई है.
बीजेपी ने पहली बार आजमाया फॉर्मूला
बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन के लिए इस बार नया फॉर्मूला आजमा रही है. बीजेपी सिर्फ सर्वे के जरिए ही नहीं बल्कि इस बार तो मंडल स्तर पर वोटिंग से उम्मीदवार को तलाशने की कोशिश की है. बीजेपी ने राज्य की सभी 68 सीटों पर रविवार को गुप्त मतदान कराकर पार्टी नेताओं के जरिए जिताऊ कैंडिडेट का पता लगाने की कोशिश की है. इतना ही नहीं बीजेपी अपने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को उतार सकती है तो कई नेताओं की सीट बदली भी जा सकती है.
एक दूसरे की लिस्ट का इंतजार
विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर जिस तरह से एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार है, उसके चलते बगावत के भी आसार हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के उम्मीदवारों की नाम सामने आने के इंतजार में है. माना जा रहा हा कि इसीलिए कांग्रेस ने नाम तय करने के बाद भी लिस्ट जारी नहीं की. वहीं, बीजेपी भी इस इंतजार में है कि कांग्रेस के कैंडिडेट के नाम सामने आने के बाद वो अपने उम्मीदवारों की नामों की सूची जारी करे, जिससे की उनके पास चुनाव लड़ने का मजबूत विकल्प न हो सके.