हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट की लिस्ट जारी होते ही बीजेपी और कांग्रेस में बगावत की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है. बीजेपी ने सूबे की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन अब पार्टी को कैंडिडेट बदलने के लिए भी मजबूर होना पड़ है. बीजेपी ने चंबा विधानसभा सीट पर पहले इंदिरा कपूर को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन अब उनका टिकट काटकर नीलम नय्यर को उम्मीदवार बना दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी को चंबा सीट पर आखिर कैंडिडेट क्यों बदलना पड़ा?
बता दें कि बीजेपी ने हिमाचल में अपने 10 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. इस फेहरिश्त में चंबा विधानसभा सीट से विधायक पवन नय्यर का नाम शामिल है. बीजेपी ने बुधवार को हिमाचल चुनाव की 62 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, जिसमें चंबा से विधायक पवन नय्यर की जगह इंदिरा कपूर प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी की लिस्ट सामने आते ही पवन नय्यर के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया.
चंबा सीट से पवन नय्यर हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते थे. ऐसे में टिकट कटने के बाद पवन नय्यर आहत थे, जिसके चलते उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. बीजेपी ने मामले की सियासी नजाकत को भांपते हुए बीच का रास्ता निकाला. इंदिरा कपूर का टिकट काटकर आनन फानन में पवन नय्यर की पत्नी नीलम नय्यर को प्रत्याशी बनाया गया है.
पवन नय्यर जमीनी नेता माने जाते हैं और चंबा की सियासत के बड़े चेहरे हैं. चंबा सीट पर बीजेपी 2017 में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए कम अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. पवन नय्यर बीजेपी में आने से पहले भी चंबा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके थे. बीजेपी से नय्यर पहली बार 2017 में विधायक बने थे. ऐसे में पवन नय्यर के टिकट कटने के बाद कांग्रेस उन्हें अपने साथ मिलाने के लिए डोरे डाल रही थी. ऐसे में पवन नय्यर अगर बागी रुख अख्तियार करना बीजेपी के लिए महंगा पड़ सकता था.
बीजेपी ने पवन नय्यर की जगह चंबा सीट से इंदिरा कपूर को पहले टिकट दिया था, जिनके ऊपर जिला पंचायत सदस्य रहते हुए सरकारी फंड में गड़बड़ी करने के आरोप है. इस मामले में निचली अदालत से उन्हें सजा हो चुकी है. इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है. ऐसे में बीजेपी के लिए दोहरी चुनौती चंबा सीट पर खड़ी हो गई थी. एक तरफ विधायक पवन नय्यर ने बागी रुख अपना रखा था और चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. दूसरी तरफ इंदिरा कपूर को टिकट दिए जाने से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जवाब देना मुश्किल हो सकता था.
बीजेपी ने चंबा सीट पर नफा-नुकसान को देखते हुए इंदिरा कपूर का टिकट काटकर पवन नय्यर की पत्नी नीलम नय्यर को टिकट देने का दांव चला है. यही वजह रही कि बीजेपी को लिस्ट जारी दूसरे दिन ही चंबा सीट पर कैंडिडेट को बदलना पड़ा. चंबा सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होगा. बीजेपी की नीलम नैय्यर, कांग्रेस की नीरज नैय्यर और आम आदमी पार्टी से शशिकांत मैदान में है.
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का टिकट फाइनल होते ही पार्टी में बगावत भी शुरू हो गई है. आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए शक्ति प्रदर्शन किए जा रहे हैं. प्रदेश का सबसे बड़े जिला कांगड़ा के धर्मशाला से मौजूदा विधायक विशाल नेहरिया का टिकट काटकर राकेश चौधरी को दी गई तो पार्टी में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे. ऐसे ही शिमला शहर सीट से शहरी विकास मंत्री का टिकट बदलने पर कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी दे रहे हैं.
हिमाचल के कांगड़ा ज्वाली से टिकट न मिलने पर अर्जुन ठाकुर बागी हो गए हैं. नड्डा के गृह क्षेत्र बिलासपुर से बीजेपी नेता की टिकट काटकर त्रिलोक जमवाल को देने से विधायक सुभाष शर्मा बगावत पर उतर आए हैं. मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को टिकट मिली तो बेटी बंदना गुलेरिया ने अपना इस्तीफा दे दिया. इसी तरह द्रंग विधानसभा क्षेत्र में पूरन चंद ठाकुर को टिकट दिए जाने से पार्टी का एक बड़ा धड़ा बगावत की तैयारियों में है.