हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद कांग्रेस मुख्यमंत्री का नाम तय करने में जुटी है. शिमला में विधायक दल की बैठक के बाद आज पार्टी के पर्यवेक्षक पार्टी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. कांग्रेस के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद कहा था कि विधायकों ने एक लाइन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया है. इसकी रिपोर्ट शनिवार को आलाकमान को सौंपी जाएगी.
शिमला में शुक्रवार को कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भूपेश बघेल और प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला पार्टी विधायकों के साथ मीटिंग की. हालांकि इस मीटिंग में मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर नहीं लग सकी, जिसके बाद विधायकों ने एक लाइन का प्रस्ताव पास कर हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया. अब पार्टी हाईकमान ही हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा.
इस दौरान शुक्ला ने कहा राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर खुशी है और हम प्रदेश की जनता को दी गई 10 गारंटियों को पूरा करने और बेहतर शासन देने के लिए सबकुछ करेगी. राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का सम्मान करती है. हालांकि इस दौरान उन्होंने राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री या शीर्ष पद का प्रतिनिधित्व हिमाचल के किसी नेता द्वारा किए जाने की संभावना से जुड़े सवालों को टाल दिया.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने समर्थकों के साथ शिमला में पार्टी कार्यालय पहुंचे. जहां समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाए. बता दें कि 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर बीजेपी से सत्ता छीन ली है.
प्रतिभा के समर्थकों ने की थी नारेबाजी
विधायक दल की बैठक से पहले हिमाचल कांग्रेस की चीफ और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेश बघेल की गाड़ी रोककर उनके समर्थन में नारेबाजी की. यह तब हुआ जब केंद्रीय पर्यवेक्षक शुक्ला के साथ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलने जा रहे थे. केंद्रीय नेताओं ने पार्टी के विजयी विधायकों की एक सूची राज्यपाल को सौंपी और औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए समय मांगा.
खड़गे बोले- रिपोर्ट के आधार पर होगा फैसला
वहीं हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में कहा कि पहाड़ी राज्य में भेजे गए पर्यवेक्षकों ने पार्टी के सभी विधायकों से निजी विचार पूछे. उसके बाद पर्यवेक्षक विधायकों की बात हमें बताएंगे, जिसके आधार पर पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला करेगी. वहीं सीएलपी बैठक से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कांग्रेस नेता सुक्खू ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं. मैं सिर्फ एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं और आलाकमान जो भी फैसला लेगा, उसे स्वीकार किया जाएगा.
आखिरी फैसला आलाकमान लेगा: विक्रमादित्य
इससे पहले 66 वर्षीय प्रतिभा सिंह ने संकेत दिया था कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं. यह बात उनके बेटे ने भी कही थी. उनके बेटे और शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि मैं सीएम पद की दौड़ में नहीं हूं, लेकिन मेरी मां मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई गई है और अंतिम निर्णय आलाकमान द्वारा लिया जाएगा. विधायकों की सामूहिक इच्छा को ध्यान में रखा जाएगा और फिर पर्यवेक्षक इसे आलाकमान तक पहुंचाएंगे.
सीएम पद की रेस में तीन नेता
इसके साथ ही विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि उनकी मां को सीएम बनाए जाने पर वह अपनी शिमला ग्रामीण सीट खाली कर देंगे, क्योंकि प्रतिभा सिंह अभी विधानसभा की सदस्य नहीं हैं. हिमाचल कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और हरोली विधायक मुकेश अग्निहोत्री सीएम पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू दोनों प्रभावशाली राजपूत समुदायों से हैं, जबकि मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण हैं. अभी तक शांता कुमार ही अकेले ब्राह्मण थे, जो दो बार मुख्यमंत्री बने हैं.