हिमाचल प्रदेश के एग्जिट पोल ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों की ही नींद अगले 50 घंटों के लिए उड़ा दी है. शिमला में इस सर्दी सीएम की कुर्सी पर किस पार्टी का नेता बैठेगा ये एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुमान स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं. आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बड़ी मुश्किल से बनती दिख रही है. जबकि कुछ एग्जिट पोल ने तो वहां बीजेपी को बढ़त दी है और कुछ एग्जिट पोल के अनुसार वहां त्रिशंकु विधानसभा भी आ सकती है. हिमाचल में सरकार की तस्वीर क्या होगी इसका पता तो 8 दिसंबर को ही चलेगा लेकिन एग्जिट पोल के अनुमानों ने राजनीतिक दलों की उलझन बढ़ा दी है.
एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी-24 से 34 सीटें जीतती दिख रही हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 30 से 40 सीटें जा रही हैं. इस राज्य में AAP का खाता नहीं खुल रहा है लेकिन अन्य को जरूर 4 से 8 सीटें जाती दिख रही हैं. 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में अन्य के खाते में ये बड़ा आंकड़ा है. अगर हिमाचल का नतीजा बहुमत से दूर रहता है तो इन इंडिपेंडेंट उम्मीदवारों का रोल बहुत बढ़ सकता है.
हालांकि हिमाचल में अबतक त्रिशंकु विधानसभा नहीं आई है. परंपरागत रूप से इस राज्य के लोग सत्ता के खिलाफ मतदान करते आ रहे हैं. 2017 में बीजेपी को 44 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में 21 सीटें आई थी.
निर्दलियों की अहमियत बढ़ने वाली है
अगर इस बार के नतीजे किसी भी दल के लिए बहुमत से कुछ दूर रह जाते हैं तो निर्दलियों की अहमियत बेहद बढ़ने वाली है. मौजूदा परिदृश्य में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपने बागियों पर नजर रखे हुए हैं. ये बागी चुनाव में स्वतंत्र रूप से उतरकर आलाकमान को चुनौती दे चुके हैं.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, "कई एग्जिट पोल बीजेपी की सरकार बनते हुए दिखा रहे हैं तो कुछ नजदीकी मुकाबले का अनुमान लगा रहे हैं. हमें 8 दिसंबर तक इंतजार करना चाहिए. हमारे विश्लेषण से भाजपा के आराम से सत्ता में आने की पूरी संभावना है."
बीजेपी-कांग्रेस दोनों में बगावत
इस चुनाव में बीजेपी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. टिकट बंटवारे में अदूरदर्शिता का आरोप लगाकर कई नेता बगावत पर उतर आए और पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ ही खड़े हो गए. पुरानी पेंशन स्कीम भी एक बड़ा मुद्दा बना. हालांकि बीजेपी ने बागियों को अपनी ओर से समझाने की पूरी कोशिश की.
कांग्रेस को भी चुनाव में बगावत का सामना करना पड़ा. टिकट न मिलने पर कई नेता नाराज हुए लेकिन कांग्रेस अपने कुनबे को संभालने में सफल रही. कांग्रेस ने हालांकि सीएम चेहरे की घोषणा न करने का फैसला किया था लेकिन सुखविंदर सिंह सुखु ने सीएम चेहरे के लिए अपना नाम आगे बढ़ाकर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी.
नतीजों के लिए लंबा इंतजार
हिमाचल को मतगणना के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है. यहां पर मतदान 12 नवंबर को ही हुआ था और परिणाम 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. हालांकि एग्जिट पोल के अनुमान बताते हैं कि सरकार बनाने वाली पार्टी बड़े महीन अंतर से सत्ता में आ पाएगी.